गोरी लड़कियों को यूज करो…अंग्रेजी मेम का शोषण कर रहे पाकिस्तानी, फिर मस्क ने क्यों लगाई UK के PM की क्लास

Elon Musk Demand Election In Britain: अमेरिकी चुनाव के बाद एलन मस्क ब्रिटेन की राजनीति में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी हैं. उन्होंने ब्रिटेन में फल-फूल रहे पाकिस्तान के ग्रूमिंग गैंग के लिए ब्रिटेन के पीएम स्टार्मर की क्लास लगा दी है. उन्होंने फिर से चुनाव कराने की मांग की है.
Elon Musk Demand Election In Britain: अमेरिका चुनाव बीत चुका है. चुनाव में एलन मस्क बढ़ चढ़कर दिलचस्पी दिखाई थी. उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के लिए जमकर प्रचार किया. अब दुनिया के सबसे अमीर शख्स की दिलचस्पी ब्रिटेन में चल रहे पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग पर गई है. ये गैंग गोरी लड़कियों (ब्रिटेन की लड़कियों) की शोषण करता है. उनको एक वेश्या की तरह व्यवहार करता है. ये गोरी लड़कियों का शोषण करते, उनसे अप्राकृतिक रूप से बलात्कार करते और उनकी तस्करी भी करते हैं. सालों से चल रही इस प्रथा को रोकने में ब्रिटेन सरकार और पुलिस नाकाम रही है. मस्क सरकार और विफलता पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टारमर जमकर बरसे. नए पीएम की विफलता को देखते हुए एलन मस्क ने ब्रिटेन में नए चुनाव कराने की भी मांग की है.
टेस्ला के सीईओ और एक्स (पूर्व में ट्विटर) के मालिक एलन मस्क ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टारमर पर रोथरहैम ग्रूमिंग गैंग स्कैंडल को लेकर सवाल उठाए हैं. मस्क ने कहा कि 2008-2013 के बीच स्टारमर के क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) के प्रमुख थे. साथ ही उन्होंने गलतियों पर उनकी भूमिका पर सवाल किया. मस्क ने एक्स पर पोस्ट करते हुए सवाल पूछा. उन्होंने कहा, ‘जब युवा लड़कियों के साथ अन्याय हुआ और अपराधियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तब CPS के प्रमुख कौन थे? कीयर स्टारमर.’ मस्क ने यह भी कहा कि यह मुद्दा उठाने से स्टारमर की छवि खराब हो सकती है.
रोथरहैम स्कैंडल पर एक नजर
2014 की प्रोफेसर एलेक्सिस जे की रिपोर्ट ने रोथरहैम में 1997 से 2013 के बीच 1,400 से ज्यादा बच्चों के शोषण की भयावह तस्वीर पेश की.
- व्यवस्थागत विफलताएं: पुलिस और CPS ने विश्वसनीय रिपोर्ट्स पर भी कार्रवाई नहीं की. जिसने भी आवाज उठाई उसे दबा दिया गया या उसपर ध्यान नहीं दिया गया.
- सांस्कृतिक संवेदनशीलता: अधिकारियों पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने नस्लवाद के आरोपों के डर से बचने के लिए अपराधियों पर ध्यान नहीं दिया. इसके कारण देरी हुई और कार्रवाई नहीं हुई, जिससे लड़कियों-औरतों के साथ दुर्व्यवहार बिना रोक-टोक जारी रहा.
- पीड़ितों पर आरोप: पीड़िताओं ने जब आवाज उठाने की कोशिश की तो उसे दबा दिया गया. कई पीड़िताओं को झूठा बताया गया और उनकी शिकायतें अनदेखी की गईं.
- पुलिस ने अवसर गंवाए: बार-बार दी गई चेतावनियों, सबूतों और पीड़ितों की गवाही के बावजूद, अधिकारी अपराधियों की पर्याप्त रूप से जांच करने या उन पर मुकदमा चलाने से कतराते रहे.
- स्टारमर की भूमिका
कीयर स्टारमर को इस मामले में क्यों घसीटा जा रहा है. दरअसल वह 2008 से 2013 तक सीपीएस यानी क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) के डायरेक्टर रहे. इन मामलों पर निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार थे, वह चाहते तो उन पीड़िताओं को दरिंदों से बचा सकते थे. वे अपनी पुलिस के बल पर उनका दमन कर सकते थे. आलोचकों का कहना है कि उनके नेतृत्व में CPS ने ग्रूमिंग गैंग से जुड़े मामलों को प्राथमिकता नहीं दी और ना ही पीड़िताओं को न्याय दिलवाया. हालांकि, स्टारमर ने इन विफलताओं पर खेद जताया है, लेकिन मस्क के बयानों ने इस मुद्दे पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं.