पहले पासपोर्ट डाटा जुटाते फिर कॉल करते, कहते-फॉरेन जाएंगे..गया पुलिस का बड़ा खुलासा, पांच गिरफ्तार

विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का गया पुलिस ने खुलासा किया है. एसएसपी आशीष भारती ने गैंग की करतूतों का पर्दाफाश करते हुए बताया है कि यह गिरोह लोगों के पासपोर्ट का डेटा निकाल कर फर्जी पासपोर्ट बना लेते थे और फिर कॉल कर ठगी करते थे.
गया.
बिहार की गया पुलिस ने डिजिटल अपराध पर अंकुश लागते हुए विदेश भेजने के नाम पर साइबर ठगी करने वाले गिरोह पर बड़ी कार्रवाई की है. गया पुलिस ने इस गैंग के 5 साइबर क्रिमिनल को एक साथ गिरफ्तार किया है. इनके पास से एक लैपटॉप 21 मोबाइल 15 रजिस्टर और तीन अपाचे मोटरसाइकिल और अन्य सामग्री भी बरामद किये गये हैं. इसकी जानकारी एसएसपी आशीष भारती ने मीडिया कर्मियों को दी.
एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि शेरघाटी थाना और साइबर थाना एवं तकनीकी शाखा को सूचना मिली कि शेरघाटी थाना क्षेत्र में ठगी का काम किया जा रहा है. तेतरिया स्थित एक मकान में साइबर अपराधी लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करते हैं. सूचना के बाद इसको लेकर एक टीम गठित की गई टीम गठित करने के बाद उस जगह पर छापेमारी की गयी. और इस मामले का खुलासा हुआ. यहां से पांच साइबर गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार किया गया है.
गया एसएसपी आशीष भारती ने साइबर फ्रॉड के बड़े गिरोह का खुलासा किया.
गया एसएसपी आशीष भारती के अनुसार, ये सभी साइबर फ्रॉड मजदूर तबके के लोगों को विदेश भेजने के के नाम पर ठगी करते थे. गिरोह के गुर्गे पासपोर्ट का डाटा इकट्ठा करके नकली वीजा बनाकर बेरोजगार युवकों को विदेश भेजने का सपना दिखाते थे. इसके बाद विदेशों में काम दिलाने का झूठा दिलासा देकर रुपए की वसूली करते थे. पूछताछ में जलसाजों ने यह खुलासा किया है कि अब तक सैकड़ों लोगों को धोखा दिया है. पूरी डिटेल खंगालने में गया पुलिस जुट गई है.
एसएसपी ने बताया कि इन अपराधियों ने यह जानकारी दी है कि ये लोग आम लोगों का पासपोर्ट डाटा चोरी कर अन्य रेंडम लोगों को कॉल कर विदेश भेजने के नाम पर साइबर ठगी का काम करते हैं. पकड़े गए अपराधियों में में विकास कुमार, गणेश कुमार, जनमूल हुसैन, जमील अख्तर और मोहम्मद अमीरुद्दीन अंसारी हैं. ये सभी अपराधी बिहार और झारखंड के रहने वाले बताए जाते हैं. साइबर थाना में प्राथमिककी दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है.