राजस्थान

भाजपा सरकार का जिले खत्म करने का फैसला राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण : अशोक गहलोत

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनाए गए नौ जिलों व तीन संभागों को निरस्त करने के फैसले की आलोचना की है। गहलोत ने इस फैसले को राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण बताया..

 

नेशनल डेस्क 

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनाए गए नौ जिलों व तीन संभागों को निरस्त करने के फैसले की आलोचना की है। गहलोत ने इस फैसले को राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण बताया है।

गहलोत ने कहा, ”हमारी सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों में से नौ जिलों को निरस्त करने का भाजपा सरकार का निर्णय अविवेकशीलता एवं केवल राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है।” उल्लेखनीय है कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को हुई जिसमें पिछली अशोक गहलोत सरकार द्वारा गठित नौ जिलों व तीन नए संभागों को भी खत्म करने का फैसला किया गया। हालांकि, आठ नए जिलों को बरकरार रखा गया है।

राज्य की पिछली गहलोत सरकार ने 17 नए जिले व तीन नए संभाग बनाने की अधिसूचना जारी की थी। इसके साथ ही तीन नए जिलों की घोषणा की थी लेकिन उसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई थी। गहलोत ने राज्य सरकार के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर नए जिले बनाने का निर्णय किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा जिन जिलों को छोटा होने का तर्क देकर रद्द किया गया है वो भी अनुचित है।

जिले का आकार वहां की भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर होता है। कम आबादी वाले जिलों में सरकार की योजना की सफलता भी ज्यादा होती है। छोटे जिलों में कानून व्यवस्था की स्थिति को बहाल रखना भी आसान होता है क्योंकि वहां पुलिस की पहुंच अधिक होती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”हमारी सरकार ने केवल जिलों की घोषणा ही नहीं की बल्कि वहां जिलाधिकारी, पुल‍िस अधीक्षक समेत तमाम जिला स्तरीय अधिकारियों की नियुक्ति दी एवं हर जिले को संसाधनों के लिए बजट भी दिया।” उन्होंने कहा, ”हम भाजपा सरकार द्वारा उठाए गए इस अदूरदर्शी एवं राजनीतिक प्रतिशोध के कारण लिए गए निर्णय की निंदा करते हैं।”

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