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दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र जन अधिकारों के बिना कुछ भी नहीं है।:राहुल गांधी

राहुल ने केंद्र पर जन अधिकारों के हनन का आरोप लगाया, बोले- इसके बिना लोकतंत्र का क्या मतलब?

नई दिल्ली

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को केंद्र सरकार पर जनता के अधिकारों का हनन करने की कोशिश का आरोप लगाया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र जन अधिकारों के बिना कुछ भी नहीं है। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या वे मौलिक और जन अधिकारों के बिना भारत की कल्पना कर सकते हैं? राहुल ने ट्वीट किया, “जन अधिकारों के बिना दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का क्या मतलब है? मोदी सरकार शुरू से ही जनता के अधिकारों को नष्ट करने की कोशिश करती रही है।”

राहुल ने कुछ अधिकारों को गिनाते हुए कहा, भोजन का अधिकार- ताकि किसी को भूख का सामना ना करना पड़े। शिक्षा का अधिकार- आज बच्चा-बच्चा स्कूल जाता है, एक बेहतर कल बनाता है, अपने लिए और देश के लिए। रोजगार का अधिकार- भाजपा के कट्टर विरोध के बावजूद UPA ने जनता को रोजगार की सुरक्षा दी। कोविड के मुश्किल समय में भी इससे देशवासियों को सहारा मिला।

राहुल बोले- लोकतंत्र का दूसरा नाम पारदर्शिता
राहुल गांधी ने आगे कहा कि सूचना का अधिकार- लोकतंत्र का दूसरा नाम पारदर्शिता है। जनता को सवाल करने और जवाब पाने का अधिकार है। RTI भी UPA ने दिया। इनमें से किस अधिकार से PM को आपत्ति है? और क्यों? इससे पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के युवा घोषणापत्र को लॉन्च करते हुए राहुल गांधी ने युवाओं को अवसरों से वंचित करने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की।

‘युवा भारत की सबसे बड़ी ताकत’
उन्होंने कहा, “युवा भारत की सबसे बड़ी ताकत है। उन्हें जनसांख्यिकीय लाभांश कहा जाता है। नरेंद्र मोदी और भाजपा ने इसे जनसांख्यिकीय आपदा में बदल दिया है। भारत को एक नई दृष्टि की जरूरत है और केवल कांग्रेस पार्टी ही देश को वह दृष्टि दे सकती है। भाजपा की दृष्टि देश की दृष्टि की नहीं है।”

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