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भाजपा ‘हिंदुत्व ‘ की बात करती है, तो वीर सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दे रही? : प्रियंका चतुर्वेदी

Priyanka Chaturvedi: प्रियंका ने कहा, अगर हमने भाजपा का साथ छोड़ दिया तो कहा जा रहा है कि हमने हिंदुत्व छोड़ दिया। क्या भाजपा हिंदुत्व की ठेकेदार है। बाला साहब के जो विचार हिंदुओं को लेकर थे, छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर थे, उद्धव ठाकरे आज भी उन्हें उठा रहे हैं।

 

शिव सेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है, ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर खुद भाजपा में ही सहमति नहीं है। जब इस बिल पर लोकसभा में वोटिंग हुई तो खुद भाजपा के ही बीस सांसद गायब थे। ऐसा पहली बार हुआ है जब भाजपा के खुद के सांसद वोटिंग के दौरान सदन में मौजूद नहीं थे। कहा जा रहा है कि नितिन गडकरी को नोटिस दिया जाएगा, ज्योतिरादित्य को भी नोटिस भेजा जाएगा। प्रियंका ने कहा, कोई प्रधानमंत्री को भी नोटिस भेजे, वे भी गायब थे। वे भी तो बनारस के लोकसभा सांसद हैं। सत्ता पक्ष इस बार पूरी तैयारी के साथ संसद में आया है कि सदन की कार्यवाही में बाधा डालेंगे ही।

संसद के मौजूदा सत्र में जो कुछ चल रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। सत्ता पक्ष इस तैयारी के साथ संसद में आया है कि इस बार बाधा डालेंगे। वित्तीय फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट या अदाणी मामला, इन मुद्दों से जानबूझकर ध्यान भटकाया जा रहा है। संविधान पर बहस, सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को बराबर का समय दिया गया। क्या यह बहस दूसरी दिशा में चली गई। इस सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा, बिल्कुल यह बहस दूसरी ही दिशा में चली गई। 75 साल के इतिहास की बात करनी चाहिए थी, कब और कैसे, संविधान पर गंभीर चोट पहुंची। अंबेडकर, नेहरू और इंदिरा गांधी के बारे में कुछ कहा गया। अगले 75 साल में हम अपने संविधान को मजबूत कैसे करें, संसद में इस पर चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन ये सब गायब रहा।

महाराष्ट्र में शिव सेना ‘यूबीटी’, क्या सॉफ्ट हिंदुत्व पर चल रही है। बाला साहेब ठाकरे ने पार्टी को जो रूप प्रदान किया था, आज शिव सेना ‘यूबीटी’ उससे दूसरी राह पर है। क्या इसका चुनाव पर असर पड़ा है। प्रियंका ने कहा, अगर हमने भाजपा का साथ छोड़ दिया तो कहा जा रहा है कि हमने हिंदुत्व छोड़ दिया। क्या भाजपा हिंदुत्व की ठेकेदार है। बाला साहब के जो विचार हिंदुओं को लेकर थे, छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर थे, उद्धव ठाकरे आज भी उन्हें उठा रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो कुछ हो रहा है, उस पर सदन में चर्चा हो। उद्धव ने यह मुद्दा उठाया है। इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। हम कह रहे हैं कि वीर सावरकर को भारत रत्न दिया जाए। भाजपा क्यों नहीं दे रही। वह वीर सावरकर के नाम पर राजनीति तो खूब कर रही है। यह सवाल हम पूछते रहेंगे, भले ही हम भाजपा के साथ हैं या नहीं हैं। हम हिंदुत्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। भाजपा से हमें इसका सर्टिफिकेट नहीं लेना है।

संसद में इंडिया गठबंधन की भूमिका और एकता को लेकर जब प्रियंका चतुर्वेदी से यह सवाल पूछा गया कि राहुल अदाणी का मुद्दा उठाते हैं तो ममता बनर्जी की पार्टी ‘टीएमसी’ के सांसद उस बाबत राहुल का साथ नहीं देते हैं। अखिलेश यादव की पार्टी, संभल के मामले को उठाना चाहती है। ऐसे में ये सब इंडिया गठबंधन की एकता के लिए क्या ठीक है, इस सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा, इस गठबंधन में अलग अलग विचारधारा के लोग हैं। सभी लोग, प्रजातंत्र और संविधान की लड़ाई लड़ रहे हैं। इन दलों के क्षेत्रीय मुद्दे भी हैं। सभी लोग एक साथ समावेश कर लड़ाई लड़ रहे हैं।

हम एनडीए की तरह नहीं हैं। वे बोले तो हां, वे बोले तो ना। हम अपने विचार रख सकते हैं। इंडिया गठबंधन की खूबसूरती ये है कि सभी लोगों को अपनी बात रखने का अधिकार है। प्रजातंत्र की तरह हर बात में हां में हां नहीं मिलाएंगे। लालू यादव ने कहा, इंडिया गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी कर सकती हैं, इस सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा, दो चुनाव में हार के बाद आत्मनिरीक्षण बनता है। ममता बनर्जी एक सक्षम नेता हैं। उनके खिलाफ झूठा प्रचार और नेरेटिव सैट किया गया। उसके बावजूद वे झुकी नहीं। आगे इंडिया गठबंधन के सभी सदस्य मिल बैठ कर कोई निर्णय लेंगे। ईवीएम को लेकर जब पूछा गया कि जब विपक्ष जीत जाता है तो चुप रहता है, हार जाता है तो शोर मचाता है। प्रियंका ने कहा, हम एनडीए की तरह नहीं हैं। यह एनडीए की विचारधारा हो सकती है कि वन नेशन वन लीडर, वन नेशन वन कार्ड, वन नेशन, वन लैंग्वेज। विधानसभा चुनाव के नतीजों पर महाराष्ट्र की जनता में आक्रोश है।

ईवीएम को लेकर उद्धव ठाकरे कह चुके हैं कि अगर लोकसभा चुनाव में ईवीएम इधर उधर नहीं होती तो हम कुछ अधिक सीट जीत सकते थे। अखिलेश यादव ने कहा था कि मैं अस्सी सीटें जीत लूं तो भी ईवीएम पर सवाल उठाउंगा। ईवीएम को लेकर जनता के मन में शंका है। यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह ईवीएम को लेकर स्थिति स्पष्ट करे। जब चुनाव आयोग के पास शिकायत लेकर जाते हैं तो जवाब मिलता है कि सबूत दो। ईवीएम में कुछ गलत हो रहा है, उसे साबित कर दो।

वन नेशन वन इलेक्शन, का जो बिल आया है, इस बाबत शिव सेना (यूबीटी) की नेता एवं राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, यह शक्तियों के केंद्रीयकरण के लिए है। यह एंटी फैडरल और एंटी डेमोक्रेसी है। हर पंद्रह साल में डेढ़ लाख करोड़ रुपये का खर्च ईवीएम और वीवीपैट पर होगा। आज सवाल चुनावी प्रक्रिया को लेकर हैं, चुनाव आयोग को लेकर हैं। अभी यह बिल जेपीसी में गया है। जब इस बिल पर लोकसभा में वोटिंग हुई तो खुद भाजपा के बीस सांसद गायब थे। ऐसा पहली बार हुआ है जब भाजपा के खुद के सांसद मौजूद नहीं थे। कहा जा रहा है कि नितिन गडकरी को नोटिस दिया जाएगा, ज्योतिरादित्य को भी नोटिस भेजा जाएगा। कोई प्रधानमंत्री को भी नोटिस भेजे, वे भी गायब थे। वे भी तो बनारस के लोकसभा सांसद हैं। वन नेशन वन इलेक्शन पर खुद भाजपा में ही सहमति नहीं है।

 

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