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‘देश में आपातकाल जैसी स्थिति, सरकार कर रही देश के संघीय ढांचे पर हमला’, विपक्षी सांसदों का आरोप

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद साकेत गोखेल ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार के तहत लोगों को न्याय से वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने सरकार पर संविधान को नष्ट करने का आरोप लगाया।

 

नई दिल्ली

राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने सोमवार को सरकार पर संघीय ढांचे पर हमला करने और संवैधानिक निकायों को कमजोर करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि देश में आपातकाल जैसी स्थिति मौजूद है। बीजू जनता दल (बीजद) के देबाशीष सामंतराय ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को सरकार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दें कि बीजद न तो सत्तारूढ़ एनडीए का हिस्सा है और न ही विपक्ष के साथ हैं।

सरकार पर निशाना साधते हुए बीजद के देबाशीष सामंतराय ने कहा, “संवैधानिक संस्थाओं को अब सरकार के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा है। कोई भी बिना कारण बताए सलाखों के पीछे जा सकता है। हम आपातकाल की बात करते हैं, लेकिन भारत में अघोषित आपातकाल है। संविधान कहीं न कहीं पटरी से उतर गया है। हममें से कोई भी इसे संबोधित करने को तैयार नहीं है।”

टीएमसी सांसद ने भी लगाए आरोप
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद साकेत गोखेल ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार के तहत लोगों को न्याय से वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने सरकार पर संविधान को नष्ट करने का आरोप लगाया। टीएमसी सांसद ने कहा, “अन्याय मोदी सरकार की पहचान रही है। पीएम मोदी बंगाल में 21 लाख मनरेगा श्रमिकों को न्याय देने के अपने रिकॉर्ड का बचाव कैसे करेंगे? उन्होंने काम तो किया, लेकिन उन्हें तीन साल से भुगतान नहीं किया गया। इसका कारण यह है कि मोदी सरकार ने बंगाल का बकाया रोक लिया है, क्योंकि उनकी पार्टी यहां चुनाव हार गई है।”

उन्होंने कहा, “बिलकिस बानो के दुष्कर्मियों को इस सरकार ने रिहा कर दिया। उमर खालिद, खालिद सैफी जैसे कई सरकार के खिलाफ बोलने के लिए जेल में हैं। दिल्ली सीमा के बाहर 750 किसानों की मौत हो गई। मुझे इस सरकार के तहत न्याय का अनुभव करने का व्यक्तिगत सौभाग्य प्राप्त हुआ है। मुझे 155 दिनों तक गुजरात की जेल में बंद रखा गया।” इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों का हर दिन अत्याचार हो रहा है।

टीएमसी सांसद ने कहा, “कहां है सामाजिक न्याय? अल्पसंख्यकों का हर दिन अत्याचार हो रहा है। पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान जहरीला सांप्रदायिक अभियान चलाया। आर्थिक न्याय कहां है? न तो युवाओं के पास नौकरी है और न ही परिवार के पास पैसा। राजनीतिक न्याय कहां है? सीबीआई और ईडी के जरिए विपक्षी नेताओं को धमकाया जा रहा है। क्या भ्रष्ट लोग भाजपा की वॉशिंग मशीन में चले जाते हैं और बिल्कुल साफ हो जाते हैं?”

उन्होंने आगे कहा, “हमारे प्रधानमंत्री पुरानी सरकार की बात करते हैं। 10 वर्षों में हमारे पीएम ने संविधान को नष्ट कर दिया। पुरानी सरकार पिछले 70 साल से नहीं कर पाई। पीएम मोदी को न्याय की परवाह नहीं है।” द्रमुक के तिरुचि शिवा ने केंद्र सरकार पर देश के संघीय ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा तमिलनाडु को धन का हस्तांतरण कम हो रहा है।

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