‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर बिहार में सियासी संग्राम, RJD ने पोस्टर के जरिए केंद्र को घेरा, पूछे ये सवाल

केंद्र की मोदी सरकार ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर मंत्रिमंडल से मंजूरी प्रदान कर दी है। अब इस विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया जाना है लेकिन इस पर सियासी संग्राम बिहार में शुरू हो गया है। राजद ने कई मुद्दों को…
बिहार की मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर केंद्र सरकार की पहल के खिलाफ पोस्टर वार (Poster War) शुरू किया। राजद की ओर से शनिवार को राजधानी पटना की सड़कों पर पोस्टर लगाकर ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर सवाल उठाए गए। साथ ही देश में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ से कहीं ज्यादा जनहित के जरूरी मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करने की अपील केंद्र सरकार से की गई।
राजद ने शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य को लेकर किए सवाल
केंद्र की मोदी सरकार ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर मंत्रिमंडल से मंजूरी प्रदान कर दी है। अब इस विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया जाना है लेकिन इस पर सियासी संग्राम बिहार में शुरू हो गया है। राजद ने कई मुद्दों को उठाते हुए ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की व्यवहार्यता पर केंद्र सरकार को घेरा है। पटना की सड़कों पर लगाए गए पोस्टरों में राजद ने एक साथ शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य को लेकर सवाल किए हैं। राजद ने पूछा है कि वन नेशन वन एजुकेशन क्यों नहीं। देश में कोई युवा बेरोजगार नहीं रहे यह नियम क्यों नहीं। वन नेशन वन इलेक्शन तो लोगों को सुविधा एक क्यों नहीं। वन नेशन वन ट्रीटमेन्ट (स्वास्थ्य सेवा) क्यों नहीं। राष्ट्रपति का हो संतान या हो भंगी की संतान सबकी शिक्षा एक समान।
उल्लेखनीय है कि वन नेशन वन इलेक्शन का मकसद देश में सभी प्रकार के चुनावों को एक साथ कराना है। इसके लिए केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की थी। वन नेशन वन इलेक्शन के तहत देश में लोकसभा चुनाव और सभी राज्यों के विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की योजना है।