साइबर ठगी का नया ट्रेंड! बिहार में बिकता था बैंक खाता, पुलिस ने ऐसे किया गैंग का पर्दाफाश

भागलपुर से साइबर ठगी का नया ट्रेंड सामने आया है. इसमें बैंक अकउंट ही बेच दिया जाता था. पुलिस ने इस साइबर ठगी गैग के 10 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कया. सूरज नामक युवक छोटू के कहने पर जरूरतमंदों से बैंक अकांउट खुलवाकर बेचता था. वहीं छोटू लड़कियों से फोन के जरिए ठगी करवाता था. पुलिस इस गैंग को खंगालने में जुटी है.
भागलपुर.
बिहार में साइबर ठगी का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है. साइबर ठग नए-नए तरीके से ठगी कर रहे हैं. भागलपुर में भी एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें ठगी का एक पूरा गैंग पकड़ा गया है. इस गैंग में शामिल 10 से अधिक लाग पकड़े गए हैं. दरसअल, अक्टूबर में कॉल सेंटर की आड़ में चल रहे साइबर ठगी के मामले में खुलासा हुआ था और उसमें लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. अब इसमें एक नया मोड़ समने आया है कि बैंक अकाउंट भी बेचा जाता था.
यह सुनकर थोड़ा आश्चर्य जरूर लगा होगा, लेकिन इसमें वैसे लोगों को प्रलोभन दिया जाता था जो जरूरतमंद थे, उनके एक खाते का 20 हजार भेजा जाता था. इस मामले में पुलिस ने सूरज कुमार नामक युवक को गिरफ्तार किया है. पूरे मामले की जांच कर रहे सिटी एसपी के रामदास ने बताया कि सूरज बैंक खाता बेचने का काम करता था. सूरज ने अपने नाम से अलग-अलग बैंक में पांच खाता खुलवाया और 20-20 हजार रुपए में बैंक खाते को बेच दिया.
बैंक खाता बेचने का काम करता था सूरज
सिटी एसपी के रामदास ने बताया कि सूरज के खाते से काफी रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ. जिसमें अलग-अलग राज्यों से लोगों ने प्राथमिक की भी दर्ज कराई है. आपको बता दें कि करीब 225 लोगों ने देश के अलग-अलग राज्यों से इनके खाते पर प्राथमिक की दर्ज कराई है. इस गैंग में शामिल अन्य लोगों की पुलिस तालाश कर रही है, जो खाता उपलब्ध कराता था. सिटी एसपी ने बताया कि छोटू के कहने पर ही पांच बैंक खाता खुलवाया और ठगी का धंधा शुरू कर दिया. सूरज ने जीशान नाम के व्यक्ति के पास खाता को बेचा था. इतना ही नहीं अन्य लोगों को प्रलोभन देकर भी खाता खुलवाने का काम कर रहा था. इस पर भी जांच की जा रही है. पुलिस उन सभी बिंदु पर जांच कर रही है जो इस साइबर ठगी से जुड़े हुए हैं. वहीं पीड़ित व्यक्ति से भी पुलिस कंसल्ट कर रही है, ताकि अहम सबूत मिल सके और इसका पूरा नेटवर्क खत्म हो सके.
ऐसे लोगों को झांसे में लेकर बनाते थे ठगी का शिकार
छोटू इस पूरे मामले में लड़की लाने का काम करता था और वैसे जरूरतमंद को पकड़ता था, जिन्हें पैसे की सख्त जरूरत होती थी. एक बैंक अकाउंट लाने के बदले मोटी रकम देने का प्रलोभन देता था और ऐसे में एक-एक व्यक्ति पांच-पांच बैंक अकाउंट खुलवाकर बेचता था. बैंक अकाउंट के जरिए इस पूरे साइबर ठगी को अंजाम दिया जाता था. छोटू कॉल सेंटर में काम कराने के नाम पर लड़की को लाता था, ताकि उन्हें इसकी भनक तक ना लगे. इसमें इंटरव्यू प्रोसेस होता था, उसके बाद ही काम दिया जाता था. लड़कियों का काम होता था कि कॉल कर प्रोडक्ट में फंसे गिफ्ट के बारे में जानकारी देना और उन्हें झांसे में लेकर ठगी का शिकार बनाना था. अगर आपको भी ऐसे कॉल आते हैं तो आप सावधान हो जाएं. साइबर ठगी का हर दिन ट्रेंड बदल रहा है. इसलिए, आप अपनी सूझबूझ से जरूर बचें. किसी भी प्रलोभन में ना आएं.