क्राइम

मासूम की बहादुरी से हत्यारों को मिली सजा, 8 साल की बच्ची ने गवाही देकर मां और दादी के हत्यारों को भिजवाया जेल

चूरू में 3 साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड में आज कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई है. इस फैसले से ज्यादा इस केस में गवाह बनी 8 साल की बच्ची की खूब चर्चा हो रही है. हत्या के वक्त मौजूद बच्ची को कोर्ट ने आई विटनेस के तौर पर पेश किया और उसकी गवाही को आधार बनाकर अपना फैसला सुनाया.

चूरू.

 राजस्थान के चूरू में तीन साल पुराने एक दोहरे हत्याकांड के मामले में गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया है लेकिन कोर्ट के फैसले से ज्यादा जो चर्चा आठ साल की बच्ची का है. मामले में हत्याकांड के दोनों आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. आरोपियों को सलाखों तक पहुंचाने में आठ साल की बच्ची की गवाही मील का पत्थर साबित हुई.

आई विटनेस के तौर आठ साल की बच्ची की गवाही बनी फैसले का आधार 
दरसल 4 अक्टूबर 2021 को चोरी के इरादे से ज़ब आरोपी शाहरुख़ और रासिद उर्फ़ रसीद घर में दाखिल हुए. घर में सास, बहु के जगने से आरोपियों ने चाकुओं से वारकर सास, बहु की निर्मम हत्या कर दी.  वारदात के ख़ौफ़ से घर में मौजूद बच्चे इस मंजर को देख डर और सहम गए और उसी कमरे में चारपाई के नीचे छिप गए. आज कोर्ट ने आई विटनेस के तौर पर उसी आठ साल की बच्ची की गवाही और मौका-ए-वारदात से जुटाए पुलिस के सबूतों को आधार मानकर फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा और दो लाख 11 हजार के आर्थिक अर्थ दंड से दंडित किया है.

वीभत्स हत्याकांड
परिवादी के अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया की सहजूसर गांव का ये दोहरा हत्याकांड इतना वीभत्स था कि मौका-ए-वारदात पर चारों और खून ही खून और चींखते, बिलखते मासूम बच्चे मौजूद थे. वारदात में अपनी जान गंवाने वाली सास और बहू दोनों के पति मजदूरी करने के लिए विदेश गए हुए थे. आरोपी शाहरुख़ और रासिद उर्फ़ रसीद दोनों चोरी के इरादे से घर में दाखिल हुए थे. 45 वर्षीय रहीसा रिश्ते में आरोपियों की चाची लगती थी और इसलिए सास, बहु के जागने पर पहचान उजागर होने की डर से दोनों  को मार दिया ताकि उनकी पहचान उजागर ना हो.

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