अब सीएम योगी… तब नीतीश कुमार, इस चक्कर में लोगों के उखड़ चुके हैं बाल और नाखून, क्या करेंगे अखिलेश?

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के डीएनए को लेकर हालिया बयान और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की तुरंत प्रतिक्रिया के मायने क्या हैं? क्या बिहार के सीएम नीतीश कुमार की साल 2015 में बाल और नाखून उखाड़ने की कहानी का पार्ट-2 एपिसोड शुरू होने वाला है?
नई दिल्ली.
देश में एक बार फिर से डीएनए का मामला तूल पकड़ सकता है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के दो दिन पहले दिए डीएनए वाले बयान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जोरदार हमला बोला है. बता दें कि गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में संभल और बांग्लादेश का जिक्र करते हुए बाबर और डीएनए की बात कर राजनीतिक तापमान में गर्माहट ला दिया है. आखिर बार-बार यूपी-बिहार के डीएनए की चर्चा क्यों होती है? क्यों समय-समय पर यूपी-बिहार में डीएनए का मामला तूल पकड़ता रहता है? साल 2015 में बिहार में DNA के मामले ने काफी तूल पकड़ा था. तब बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने तो इस पर खूब राजनीति की थी.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अयोध्या में कहा, ‘याद करो 500 साल पहले बाबर के आदमी ने अयोध्या कुंभ में क्या किया था? कुछ दिन पहले संभल में भी यही हुआ और बांग्लादेश में भी वही हो रहा है. इन तीनों घटनाओं की प्रकृति और उसमें शामिल लोगों का डीएनए एक ही है.’ सीएम योगी ने बयान दिया तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव कहां रुकने वाले थे.
क्यों यूपी-बिहार में डीएनए का मुद्दा आ जाता है लाइमलाइट में?
अखिलेश यादव ने भी कानपुर में पलटवार करते हुए कहा, ‘अगर मुख्यमंत्री जी मुझे डीएनए चेक करने की बात कर रहे हैं तो मुख्यमंत्री जी भी अपना डीएनए चेक कराएं. मैं नहीं जानता कि योगी आदित्यनाथ ने कितनी साइंस पढ़ी है. मुख्यमंत्री बार-बार डीएनए चेक कराने की बात करते हैं. वो तो डीएनए की बात ना किया करें. मैं भी अपना डीएनए और हम सब लोग अपना डीएनए चेक करना चाहते हैं. मुख्यमंत्री जी आप भी अपना डीएनए चेक कराएं. एक संत और योगी होकर भगवा पहनने के बाद इस तरह की भाषा और इस तरह के डीएनए की बात नहीं करनी चाहिए.’
योगी के बयान पर अखिलेश ने क्या कहा?
दरअसल, यूपी-बिहार के नेता या देश के दूसरे हिस्से के नेता भी डीएनए की बात खूब करने लगे हैं. साल 2015 में पीएम मोदी ने भी एक बार बिहार पहुंच कर सीएम नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा था कि शायद डीएनए में गड़बड़ी है. पीएम मोदी ने मौजूदा केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का जिक्र करते हुए यह बात कही थी. पीएम मोदी ने कहा था, ‘मांझी पर जुल्म हुआ तो मैं बैचेन हो गया. जब एक महादलित के बेटे से सब कुछ छीन लिया गया तब मुझे लगा कि शायद डीएनए ही गड़बड़ है.’
नीतीश कुमार ने भी उखड़वाए थे बाल और नाखून!
तब नीतीश कुमार महागठबंधन में थे. लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के सहयोग से बिहार के सीएम बने थे. लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद उन्होंने जीतन राम मांझी को सीएम बना दिया था. लेकिन, बाद में सीएम की कुर्सी पर ही संग्राम छिड़ गया. मांझी सीएम की कुर्सी खाली ही नहीं कर रहे थे. कुर्सी छोड़ने को लेकर दोनों में काफी विवाद हुआ था. काफी जद्दोजहद के बाद मांझी ने सीएम पद छोड़ा था. इसलिए पीएम मोदी ने नीतीश पर उस समय कटाक्ष किया था.
मांझी तब बन गए थे वजह
हालांकि, पीएम मोदी के इस बयान को नीतीश कुमार ने मुद्दा बना लिया था और कहा था कि बिहार के लाखों लोगों का डीएनए सैंपल पीएम मोदी को भेजेंगे. इसके बाद नीतीश कुमार ने बिहार के अलग-अलग हिस्सों से बाल और नाखून के सैंपल बोरियों में भरकर पीएमओ भेजे थे. हालांकि, पीएमओ ने सैंपल लेने से मना कर दिया था.
रेवंत रेड्डी भी उछाल चुके हैं DNA का मुद्दा
देश में डीएनए को लेकर बीते 8-10 सालों में काफी बवाल कटे हैं. पिछले साल ही तकरीबन इसी समय तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने भी ‘बिहारी डीएनए’ वाला बयान देकर काफी बवाल काटा था. रेड्डी ने चुनाव जीतने के लिए के चंद्रशेखर राव में बिहारी जीन होने की बात कर राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया था. रेड्डी ने कहा था, ‘केसीआर में बिहारी जीन है, जबकि मेरा डीएनए तेलंगाना का है. केसीआर बिहार के रहने वाले हैं और उनकी जाति कुर्मी है. वह बिहार से पहले विजयनगरम और फिर तेलंगाना आ गए. तेलंगाना का डीएनए बिहार से बेहतर है.’
योगी का टारगेट 2027?
रेड्डी के इस बयान पर काफी बवाल कटा था. बीजेपी से लेकर जेडीयू तक ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. लेकिन, रेड्डी के इस बयान पर न ही कांग्रेस पार्टी और न ही लालू यादव की तरफ से बयान आया. बीजेपी लगातार मांग करती रही कि इंडिया गठंबधन को रेड्डी के विवादित बयान पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. बिहार के कई नेता जैसे उपेंद्र कुशवाहा, नीरज कुमार समेत कई एनडीए नेताओं ने इस बयान पर कड़ा ऐतराज दर्ज कराया था.
ऐसे में सीएम योगी के ताजा बयान पर भी बवाल कटना तय माना जा रहा है. क्योंकि, कहा जा रहा है कि सीएम योगी ने यूपी विधानसभा चुनाव 2027 को ध्यान में रखकर ये बयान दिया है. यूपी-बिहार ही नहीं अब देश के दूसरे राज्यों के नेता भी चुनाव जीतने के लिए डीएनए शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि, इन राजनेताओं को डीएनए के इन तीन अक्षरों का मतलब नहीं होगा. अगर गूगल कर सर्च भी करेंगे तो उनके लिए याद रखना मुश्किल होगा. लेकिन, ये बोलना नहीं छोड़ते.