पत्रकारों से बात करते हुए शरद पवार ने बताया कि ईवीएम में वोट जोड़े जाने के कुछ नेताओं के दावों में सच्चाई है। हालांकि, फिलहाल उनके पास इस बात का कोई सबूत नहीं है।
मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को महायुति के हाथों हार का सामना करना पड़ा। विपक्ष अब इस हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ रहा है। इस पर राकांपा-एसपी प्रमुख शरद पवार ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने शनिवार को दावा किया कि पूरे चुनाव तंत्र को नियंत्रित करने के लिए सत्ता और धन का दुरुपयोग किया गया। राकांपा-एसपी नेता ने बताया कि किसी भी राज्य के विधानसभा चुनाव में ऐसा देखने को नहीं मिला, जैसा महाराष्ट्र में हुआ। शरद पवार ने यह बयान तब दिया जब उन्होंने वरिष्ठ कार्यकर्ता डॉ. बाबा अधव से मुलाकात की। बता दें कि बाबा अधव महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम के दुरुपयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
90 वर्षीय बाबा अधव ने गुरुवार को समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के निवास फुले वाडा में तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया। महाविकास अघाड़ी गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस, शिवसेना(यूबीटी) और राकांपा-एसपी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद से ही ईवीएम में हेरफेर के आरोप लगा रहे हैं। इस मामले में शरद पवार ने प्रतिक्रिया दी।
शरद पवार ने की पत्रकारों से बात
पत्रकारों से बात करते हुए शरद पवार ने बताया कि ईवीएम में वोट जोड़े जाने के कुछ नेताओं के दावों में सच्चाई है। हालांकि, फिलहाल उनके पास इस बात का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा, “ऐसा पहली बार हुआ है कि देश में हुए चुनावों ने कई लोगों को बेचैन कर दिया। हर दिन सुबह 11 बजे संसद में विपक्षी नेता सवाल उठाते हैं। वे अपनी बात रखते हैं, लेकिन संसद में उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि संसदीय लोकतंत्र का ठीक से पालन नहीं किया जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो यह ठीक नहीं है और इसके लिए हमें लोगों के बीच जाकर उन्हें जागरूक करना होगा।”
राकांपा-एसपी नेता ने आगे कहा, “ईवीएम में वोटों में कुछ अंतर है, लेकिन अभी मेरे पास इसका कोई सबूत नहीं है। कुछ लोगों ने दोबारा गिनती की मांग की है। इस मामले में जो भी संभव होगा किया जाएगा । कुछ लोगों ने पुनर्मतगणना के लिए आवेदन किया है। देखते हैं उसमें क्या होता है, लेकिन मुझे इससे ज्यादा उम्मीद नहीं है।”
बालासाहेब थोराट के आरोपों को बताया चौंकाने वाला
शरद पवार ने बताया कि उन्होंने सुना कि बाबा अधव ने इस मुद्दे को उठाया और फुले वाडा में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “उनका विरोध लोगों में उम्मीद जताता है, लेकिन इतना काफी नहीं है।” उन्होंने बालासाहेब थोराट जैसे नेता के इन आरोपों को चौंकाने वाला बताया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, ‘यह केवल थोराट नहीं, बल्कि कई लोगों ने ऐसी जानकारी दी है। कांग्रेस ने इस मामले में बैठक की। चर्चा हुई कि इंडिया गठबंधन इस मुद्दे को साथ में मिलकर उठाएगा। मुझे यकीन है कि सोमवार तक कुछ निर्णय लिया जाएगा।”
महायुति पार्टियों ने किया शरद पवार के बयान पर पलटवार
राकांपा-एसपी प्रमुख शरद पवार के बयान पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “2017 में जब शरद पवार जीते थे, तब उन्होंने ईवीएम की सराहना की थी। इससे पहले 2014 में जब उनकी बेटी सुप्रिया सुले और अन्य सांसदों को जीत मिली, तब भी उन्होंने कुछ नहीं कहा। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में लोगों ने महायुति के काम पर भरोसा जताया। राकांपा-एसपी, शिवसेना(यूबीटी) और कांग्रेस के नेता इन पार्टियों के साथ नहीं रहना चाहते हैं। वे भाजपा, शिवसेना और राकांपा में शामिल होना चाहते हैं। वह झूठ बोल रहे हैं। उन्हें अपनी हार से सीखना चाहिए।”
शरद पवार के बयान पर शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “शरद पवार जैसे बड़े नेता का इस तरह का बयान देना ठटीक नहीं है। शरद पवार ने राजनीति में बाहुबल और धनबल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया है। चुनाव हारने के बाद इस तरह का बयान देना ठीक नहीं।” उन्होंने आगे कहा, “एकनाथ शिंदे को जब भी ऐसा लगता है कि उन्हें सोचने के लिए समय चाहिए, वे अपने पैतृक गांव जाते हैं। कल शाम तक वह बड़ा फैसला ले सकते हैं। पांच दिसंबर से पहले शपथ ग्रहण समारोह होगा।”
बता दें कि इस महीने महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में महायुति (भाजपा, शिवसेना, राकांपा) ने 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं महाविकास अघाड़ी 46 सीटों को जीतने में कामयाब रही।
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