सारे भगोड़े लंदन भागे, अब सुपरटेक के तीनों मालिक फरार, एक और मुसीबत में मोदी सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक द्वारा नोएडा में बनाए गए दो 40 मंजिल टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है. साथ ही फ्लैट मालिकों को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ पैसे लौटाने का निर्देश दिया है. वहीं, रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के प्रमुख चुपचाप अपना कारोबार यूके में स्थानांतरित कर रहे है.
अब सुपरटेक के तीनों मालिक फरार
Supertech Housing Project सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक द्वारा नोएडा में बनाए गए दो 40 मंजिल टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है. साथ ही फ्लैट मालिकों को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ पैसे लौटाने का निर्देश दिया है. वहीं, रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के प्रमुख चुपचाप अपना कारोबार यूके (UK) में स्थानांतरित कर रहे है.
बता दें कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या और नीरव मोदी को यूके से भारत वापस लाने की लंबी प्रक्रिया अभी भी जारी है. वहीं, भारत की ओर से जल्द ही सुपरटेक के मालिक आरके अरोड़ा, संगीता अरोड़ा और मोहित अरोड़ा को लंदन से यहां लाने के लिए एक और बड़ा प्रत्यर्पण अनुरोध करने की खबर सामने आ रही है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने एक अहम फैसले में रियल स्टेट कंपनी सुपरटेक को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के अपैक्स एंड स्यान यावे-16 और 17 को अवैध ठहराने के साथ दोनों 40 मंजिला टावरों को गिराने का आदेश दिया है.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि बिल्डर कंपनी को इन दोनों टावरों के एक हजार निवेशकों को 12 फीसदी ब्याज के साथ पूरे पैसे लौटाने होंगे. शीर्ष अदालत ने दिल्ली-एनसीआर की प्रमुख रियल्टी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड की उस याचिका पर मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है, जिसमें नोएडा में एमराल्ड कोर्ट परियोजना में 40 मंजिला दो टावरों को ध्वस्त करने संबंधी इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नियमों का उल्लंघन करने के चलते टावरों को गिराने का निर्देश दिया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी है.
वहीं, आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक, माना जाता है कि अरोड़ा परिवार लंदन में था और सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कुछ दिन पहले उन्हें वहां देखा गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, अरोड़ा परिवार ने कथित तौर पर अपनी संपत्ति को यूके में स्थानांतरित करना उसी समय से शुरू कर दिया था, जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अप्रैल 2014 में निर्माण को अवैध और नियमों के खिलाफ पाते हुए दो टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट के आदेश के बाद रियल एस्टेट कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न फ्लैट खरीदारों द्वारा भी डेवलपर्स के खिलाफ कई अन्य शिकायतें भी मिली थीं.
आउटलुक के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार, अरोड़ा ने लंदन में दो कंपनियों एमओ लंदन डेवलपमेंट लिमिटेड (11070040) और सुपरटेक लंदन डेवलपमेंट लिमिटेड (11070335) की स्थापना की है और दोनों 17 नवंबर 2017 को पंजीकृत हुए है. एमओ लंदन में तीनों निदेशकों के रूप में सूचीबद्ध हैं, जबकि सुपरटेक लंदन में केवल आरके अरोड़ा और मोहित अरोड़ा शामिल है. उन्होंने सी-1/10, सेक्टर 36, नोएडा, उत्तर प्रदेश, भारत, 201307 के रूप में अपना सेवा पता दिया है. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये वो कंपनियां हैं, जिनका रिकॉर्ड उनके पास है. लेकिन, उन्हें शक है कि अरोड़ा ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में शेल कंपनियों के जरिए कई संपत्तियां खरीदी हैं.
सूत्रों की मानें तो केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सुपरटेक मालिकों के प्रत्यर्पण प्रक्रिया के लिए तैयार होने के लिए कहा गया है. वहीं, आउटलुक ने जब सुपरटेक के वकील विकास सिंह से मालिकों के ठिकाने के बारे में संपर्क किया, तो उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि वे कहां हैं. मैं उनका वकील हूं, उनका ट्रैवल एजेंट नहीं. इन सबके बीच, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक द्वारा नोएडा में बनाए गए 40 मंजिला के दो टावरों के अवैध निर्माण पर सख्त दिखाई दे रहे हैं. सीएम योगी ने इस मामले में सुपरटेक और नोएडा प्राधिकरण के बीच मिलीभगत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री ने एसआईटी को समयबद्ध कार्रवाई के आदेश दिया है.