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मोदी राजमें सुबह की चाय से लेकर खाने की थाली तक सब कुछ महंगा, त्योहारी सीजन में बढ़ रहे दाम ?

त्योहारी सीजन में सब्जी, दाल, तेल, चीनी और आटा जैसी जरूरी सामग्रियों की कीमत बढ़ गई है। पिछले महीने और पिछले साल से तुलना करें तो, दोनों स्थिति में हमारें घरों में रोजाना इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की कीमत बढ़ी है मोदी राजमें रेकॉड तोड़ महेंगाई ………

त्योहारी सीजन से पहले जरूरी सामग्रियों की कीमत बढ़ गई है। सितंबर के अंत से नवंबर की शुरुआत तक त्योहारी सीजन चलता है। हालांकि, खाद्य तेल, प्याज और टमाटर जैसी सब्जियों की बढ़ी कीमत ने त्योहारी सीजन में लोगों के लिए किराना खर्च बढ़ा दिया है। कीमत बढ़ने का असर खुदरा मुद्रास्फीति पर भी दिख रहा है, विशेषकर खाद्य पदार्थों के मामले में जो अधिक बनी हुई है।

 

आइये जानते हैं कि सब्जी, दाल, तेल, चीनी और आटा जैसी जरूरी सामग्रियों की कीमत की स्थिति क्या है? पिछले महीने से दाम में कितना बदलाव हुआ है? पिछले साल इस समय इन चीजों की स्थिति क्या थी?

सब्जियों का हाल 
बीते एक महीने में टमाटर, आलू, प्याज जैसी सब्जियां महंगी हो गई हैं। इन सब्जियों की औसत कीमत में इजाफा हुआ है। उपभोक्ता मंत्रालय के पोर्टल पर मौजूद जानकारी के अनुसार, पिछले महीने (22 सितंबर से 22 अक्तूबर) की तुलना में एक किलोग्राम आलू की औसत कीमत 35.87 रुपये से बढ़कर 37.2 रुपये हो गई है। पिछले साल इसी समय एक किलो आलू का औसत भाव 24.14 रुपये था। यानी आलू पिछले साल से करीब 13 रुपये महंगा बिक रहा है।

इसी तरह प्याज और टमाटर की औसत कीमत में भी इजाफा हुआ है। प्रति किलो प्याज का दाम पिछले महीने की तुलना में करीब 3 रुपये तो पिछले साल की अपेक्षा में करीब 20 रुपये अधिक है। बीते एक महीने में टमाटर की प्रति किलो अधिकतम कीमत करीब 20 रुपये बढ़ गई है। वहीं पिछले साल की तुलना में दाम सीधे 40 रुपये बढ़ चुका है।

दालों का भाव 
महंगाई का असर दालों पर भी दिख रहा है। उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार, तुअर या अरहर को छोड़ दें तो अन्य प्रमुखों दालों की कीमत बढ़ी है। चना, उड़द, मूंग और मसूर की दालों का प्रतिकिलो औसत दाम एक से तीन रुपये तक बढ़ा है। वहीं इन दालों का पिछले साल का इसी समय का भाव देखें तो काफी अलग है। चना दाल औसतन 12 रुपये, अरहर दाल आठ रुपये, उड़द दाल पांच रुपये और मूंग दाल एक रुपये अधिक हो चुकी है। केवल मसूर दाल ही है जिसकी कीमत पिछले साल की अपेक्षा प्रतिकिलो करीब पांच रुपये कम है।

खाद्य तेलों की स्थिति 
22 सितंबर से 22 अक्तूबर के बीच मूंगफली, सरसों, वनस्पति, सोया, सूरजमुखी और पाम तेल की कीमत काफी बढ़ गई है। इन खाद्य तेलों की प्रति किलो औसत में सात रुपये से लेकर 14 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। वहीं पिछले साल से तुलना करें तो इन तेलों की कीमत दो रुपये से लेकर 28 रुपये तक बढ़ गई है।

अन्य जरूरी चीजों की कीमत पर भी प्रभावित
महंगाई ने हमारी चाय पर भी असर डाला है। चाय पत्ती, दूध और चीनी की कीमत पिछले महीने के मुकाबले बढ़ गई है। गुड़ की कीमत में मामूली कमी आई है तो आटा (गेहूं) का मामूली बढ़ा है।

 

मोदीजी ने जबसे सत्ता सभालि है तबसे हर चीज के दाम बढते जा रहे है देशकी आम मध्यम -ग़रीब वर्ग़ को दो टाइम की थाली मिलना मुश्किल है 70 साल में जो देखने को मिला उशसे से ज्यादा मोदीजी के 10 साल में देशकी आम जनता त्राहिमाम त्राहिमाम हो रही है मोदी सरकार टोटल फैल होचुकी हैं इसे हटाने बहोत बड़े आदोलन की जरुरत हैं जागृत आम जनता हो सकता हैं मोदी सरकार को हटाने के लिए सक्रिय हो रही है अगर ये मोदी सरकार जो नहीं सुधरी तो हो सकता है। ….

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