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‘₹30,000 करोड़ की… शराबबंदी नीतीश शासन का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार’ जहरीली शराब त्रासदी पर बोले तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने आज बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है. तेजस्वी ने कहा कि बिहार की सरकार में शराबबंदी सबसे बड़ा घोटाला है. इसके कारण पूरे राज्य में 30,000 करोड़ की अवैध इकोनॉमी खड़ी हो गई है.

नई दिल्ली.

राजद के नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में हुई जहरीली शराब से मौतों की घटना को लेकर बिहार में सीएम नीतीश कुमार की एनडीए सरकार की आलोचना की है. यादव ने शराबबंदी की आड़ में सरकार पर बड़ा भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया. तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि इससे 30,000 करोड़ रुपये की अवैध इकोनॉमी खड़ी हो गई है. नकली शराब से हुई मौतों का जिक्र करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘बिहार के हर चौक-चौराहे पर शराब की दुकानें खुलवाने वाले और शराबबंदी के नाम पर जहरीली शराब से हजारों लोगों की जान लेने वाले मुख्यमंत्री अब महात्मा बनने का नाटक कर रहे हैं.’

हाल ही में हुई जहरीली शराब से 33 लोगों की जान गई है, जिसमें सीवान में 28 और सारण में 5 लोगों की मौत हुई है. इस घटना ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है, जिसमें विपक्षी दल नीतीश कुमार की सरकार द्वारा लागू शराबबंदी के असर पर सवाल उठा रहे हैं. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर अपने पिछले कार्यकाल में शराब की बिक्री और खपत को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शुरुआती 10 साल में बिहार में शराब की खपत बढ़ाने के लिए हर संभव उपाय किए और अब वे अवैध शराब बेचने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं.’

तेजस्वी यादव ने गिनाया शराब की दुकानों का आंकड़ा
तेजस्वी यादव के मुताबिक ग्रामीण शराब की दुकानों की संख्या 2004-05 में 500 से बढ़कर 2014-15 में 2360 हो गई और इसी अवधि में राज्य भर में शराब की दुकानों की संख्या 3000 से दोगुनी होकर 6000 से अधिक हो गई. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के सत्ता में आने से पहले बिहार में औसतन हर दिन 51 शराब की दुकानें खुलती थीं और अगले दस वर्षों में यह संख्या बढ़कर 300 रोजाना हो गई. यादव ने जेडीयू नेताओं, शराब माफिया और पुलिस अधिकारियों के गठजोड़ से जब्त शराब को बाजारों में बेचे जाने के मुद्दे की ओर भी इशारा किया. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बावजूद महाराष्ट्र की तुलना में बिहार में अधिक लोग शराब पीते हैं. उन्होंने कहा कि फिर भी नीतीश जी के अनुसार बिहार में शराबबंदी लागू है, यह कैसा मजाक है.

30 हजार करोड़ की अवैध इकोनॉमी
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद शराब से जुड़े मामलों में 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है. यादव ने कहा कि ‘शराबबंदी नीतीश कुमार के शासन का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है. बिहार में शराब के नाम पर अवैध कारोबार के रूप में लगभग 30 हजार करोड़ की अवैध इकोनॉमी चल रही है, जिसका सीधा लाभ जेडीयू पार्टी और उसके नेताओं को मिल रहा है.’ गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने कहा कि एक विशेष जांच दल (एसआईटी) मामले की जांच कर रहा है और अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है और 200 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है.

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