चाचा ने मुंबई में दी मात, अब भतीजा उसी रोल में, भारत-न्यूजीलैंड मैच में क्या बनेगा इतिहास

India vs New Zealand first test: भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज बुधवार से शुरू हो रही है. न्यूजीलैंड को इस मैच में अपने स्पिन ऑलराउंडर माइकल ब्रैसवेल से बड़ी उम्मीदें रहेंगी. माइकल ब्रैसवेल के पिता और चाचा भी क्रिकेटर रहे हैं.
नई दिल्ली.
भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज बुधवार से शुरू हो रही है. भारत के हौसले बुलंद हैं. उसने कुछ दिन पहले ही बांग्लादेश के खिलाफ क्लीन स्वीप किया है. लेकिन न्यूजीलैंड के लिए रास्ता आसान नहीं है. कीवी टीम भारत में आखिरी बार 1988 में जीती थी. न्यूजीलैंड की पिछली जीत और 16 अक्टूबर से बेंगलुरू में होने वाले टेस्ट मैच में एक दिलचस्प रिश्ता है. न्यूजीलैंड जब जीता तो जो खिलाड़ी प्लेयर ऑफ द मैच बना था, उसका भतीजा बेंगलुरू टेस्ट में खेलने जा रहा है. नाम है माइकल ब्रैसवेल.
माइकल ब्रैसवेल न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर हैं, जो ऑफ स्पिन गेंदबाजी के साथ अच्छी बैटिंग भी करते हैं. बेंगलुरू टेस्ट में उनकी भूमिका अहम हो सकती है क्योंकि वे ना सिर्फ बैटिंग में गहराई देते हैं, बल्कि स्पिन गेंदबाजी को भी मजबूती देते हैं. दिलचस्प बात यह है कि माइकल ब्रैसवेल के पिता मार्क और चाचा जॉन, डगलस और ब्रेंडन भी क्रिकेटर रहे हैं. जॉन ब्रैसवेल तो 1988 के मुंबई टेस्ट मैच में प्लेयर ऑफ द मैच थे, जिसमें न्यूजीलैंड ने भारत को 136 रन से हराया था.
ब्रैसवेल के 86 रन और 6 विकेट…
जॉन ब्रैसवेल ने नंवबर 1988 में खेले गए मुंबई टेस्ट मैच में 84 रन बनाए थे और 6 विकेट भी झटके थे. उन्होंने पहली पारी में आठवें नंबर पर बैटिंग करते हुए 52 रन की बेहतरीन पारी खेली थी. इसके बा दूसरी पारी में नौवें नंबर पर 32 रन बनाए थे. बॉलिंग में उन्होंने पहली पारी में 2 और दूसरी पारी में 4 विकेट झटके थे.
रिचर्ड हैडली ने झटके थे 10 विकेट
जॉन ब्रैसवेल का ह प्रदर्शन उस मैच में था, जिसमें कोई भी टीम 300 रन का आंकड़ा नही छू पाई थी. न्यूजीलैंड ने इस मैच में पहली पारी में 236 और दूसरी पारी में 279 रन बनाए थे. भारतीय टीम इसके जवाब में 234 और 145 रन ही बना सकी थी. भारत को सस्ते में समेटने में ग्रेट ऑलराउंडर रिचर्ड हैडली की भी बड़ी भूमिका थी, जिन्होंने पहली पारी में 6 और दूसरी पारी में 4 विकेट झटके थे.