जज साहब! COVID वैक्सीन से लोगों को… सुप्रीम कोर्ट पहुंचे युवक-युवती, तिलमिला गए CJI चंद्रचूड़ फिर
सुप्रीम कोर्ट में दो लोगों ने एक याचिका लगाते हुए कोरोना वैक्सीन के लोगों के शरीर पर पड़े बुरे प्रभाव की जांच की मांग की. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने इस मामले पर सुनवाई हुई. बेंच ने याचिका पर कड़ा रुख अख्तियार किया.
नई दिल्ली.
दुनिया जब कोविड-19 की मार से त्रस्त थी तब भारत ने सबकी मदद कोरोना वैक्सीन भेजकर की थी. भारत के हर एक बच्चे और बुजुर्ग को कोविड वैक्सीन फ्री में केंद्र सरकार ने लगवाई. इसी बीच कुछ ऐसी खबरें भी सामने आई थी कि कोविड-19 वैक्सीन का लोगों की बॉडी पर बुरा प्रभाव भी पड़ा है. अब एक युवक और युवती सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने कोविड वैक्सीन के संबंध में याचिका लेकर पहुंचे. इस याचिका में दावा किया गया कि कोविड वैक्सीन से लोगों के शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ा है. लिहाजा देश की सर्वोच्च अदालत से जांच कराने की मांग की गई.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस याचिका पर नाराजगी जाहिर की. चीफ जस्टिस ने याचिका पर ही सुनवाई करने से इंकार कर दिया. उन्होंने याचिका को सुनने से इंकार करते हुए कहा कि इस तरह की याचिका से सिर्फ सनसनी फैलती है. कहा गया कि अगर वैक्सीन का ईजाद ही न हुआ होता तो क्या होता? सुप्रीम कोर्ट ने प्रिया मिश्रा और आलोक शर्मा की तरफ से दायर याचिका को गैरजरूरी बताते हुए इसे खारिज कर दिया.
2020-21 में कोरोना वायरस ने बरपाया कहर
बता दें कि साल 2020 में भारत में पैर पसारने वाले कोरोना वायरस ने 2021 में भी खूब कहर बरपाया था. भारत में इस वायरस के चलते लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई. सरकार की तरफ से भी मामले की गंभीरता को देखते हुए लोगों को फ्री में वैक्सीन लगवाई गई. भारत में बनी वैक्सीन को दुनिया भर के देशों में भी मदद के लिए भेजा गया. कुछ रिसर्च में यह दावा किया गया कि कोविड-19 वैक्सीन लगने के बाद इस वायरस से लोगों की मौत की संख्या में भारी गिरावट आई है. इसी बीच कुछ रिसर्च ऐसी भी रही, जिसमें लोगों पर वैक्सीन के बुरे प्रभाव की बात कही गई.