IMPCL Privatisation: ‘अपने चुनिंदा मित्रों की तिजोरी भरना इनका मकसद’, केंद्र पर प्रियंका गांधी का करारा हमला

प्रियंका गांधी ने बताया कि IMPCL आयुर्वेद और यूनानी दवाओं का एक प्रमुख कारखाना है जो देश और विदेश में दवाओं की आपूर्ति करता है। प्रियंका गांधी ने कहा, लाभ कमाने वाली दवा फैक्ट्री को बेचने की योजना आयुर्वेद और आयुष को बढ़ावा देने के पाखंड की सच्चाई को उजागर कर रही है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड के निजीकरण की कथित योजना को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की और आश्चर्य जताया कि चुनिंदा मित्रों की तिजोरियां भरने के अलावा इस सरकार का और क्या मकसद हो सकता है।
फार्मास्युटिकल कंपनी को बेचने की कथित योजना पर भड़कीं
कांग्रेस महासचिव ने ये टिप्पणी तब आई है कि फार्मास्युटिकल कंपनी को बेचने की सरकार की योजना ने कई स्थानीय निवासियों में चिंता पैदा कर दी है, जिनकी आजीविका इससे प्रभावित होने की संभावना है। पिछले साल इसने 18 करोड़ का मुनाफा कमाया और सरकार को 6 करोड़ का लाभांश देने की तैयारी कर रही है। इस इकाई में 500 से अधिक कर्मचारी हैं और हजारों छोटे किसान अपनी छोटी उपज और कच्चा माल इसे आपूर्ति करते हैं।
प्रियंका ने कंपनी को बेचने के पीछे सरकार की मंशा पूछी
प्रियंका गांधी ने पूछा कि लाभ कमाने वाली मिनी रत्न फार्मास्युटिकल कंपनी को बेचने के पीछे सरकार की मंशा क्या है? उन्होंने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, उत्तराखंड के अल्मोड़ा के मोहन में मौजूद इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IMPCL) की स्थापना 1978 में केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर की थी।
सरकार के पाखंड का सच्चाई उजागर कर रही दवा फैक्ट्री- प्रियंका
प्रियंका गांधी ने बताया कि यह आयुर्वेद और यूनानी दवाओं का एक प्रमुख कारखाना है जो देश और विदेश में दवाओं की आपूर्ति करता है। प्रियंका गांधी ने कहा, लाभ कमाने वाली दवा फैक्ट्री को बेचने की योजना आयुर्वेद और आयुष को बढ़ावा देने के पाखंड की सच्चाई को उजागर कर रही है। उन्होंने कहा, देश की कीमती संपत्तियों को सौंपकर चुनिंदा मित्रों की तिजोरी भरने के अलावा इस सरकार का क्या मकसद हो सकता है?