IAS नीलाभ सक्सेना के नाम पर हुई साइबर ठगी, फर्जी नंबर पर कलेक्टर की फोटो लगाकर मांगे पैसे

करौली जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना से साइबर ठगी का मामला सामने आया है. जिसमें साइबर ठगों ने एक विदेशी फर्जी व्हाट्सएप नंबर पर DM की फोटो लगाकर, अधिकारियों और परिचितों से पैसे हड़पने की कोशिश की है.
करौली.
साइबर ठगों के शिकार से अब प्रशासनिक अधिकारी भी दूर नहीं है. अभी हाल ही में इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला है राजस्थान करौली में, जहां जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना खुद साइबर ठगी की चपेट में आ गए है. कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने इस पूरी घटना की जानकारी मीडिया को देते हुए सार्वजनिक की है. साइबर ठगी के इस गंभीर मामले में जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना के नाम से फर्जी आईडी बनाकर जिला स्तरीय अधिकारियों से पैसे मांगने की कोशिश की गई है.
कलेक्टर नीलाभ सक्सेना के मुताबिक, साइबर ठगों ने उनके एक पुरानी फोटो का इस्तेमाल कर और उनके नाम से एक फर्जी विदेशी व्हाट्सएप नंबर के जरिए अकाउंट बनाकर इस साइबर ठगी को अंजाम दिया है. इस पूरी घटना के बाद जिला स्तर की सभी अधिकारियों में हड़कंप भी मच गया है. हालांकि, इस घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर नीलाभ सक्सेना एक्शन मोड में भी आ गए हैं.
आरोपी को ट्रेस करने की कोशिश
साइबर ठगी के प्रयास की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय को भी घटना की जानकारी दी और साइबर थाने पर परिवाद दर्ज कराने की भी कार्रवाई की है. जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने बताया कि तीन-चार जिला स्तरीय अधिकारियों और उनके कुछ परिचितों ने उनको व्हाट्सएप चैटिंग पर कलेक्टर के नाम से पैसे मांगने की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया कि जिस नंबर से यह मैसेज कई अधिकारियों और परिचितों को गया है वह नंबर उज़्बेकिस्तान का नंबर है. जिस पर उनकी पुरानी फोटो लगी हुई है. घटना की जानकारी लगते ही कलेक्टर ने तत्काल रूप से जिला स्तर के अधिकारियों के ग्रुप और अन्य परिचितों को मैसेज कर साइबर ठगी से सावधान रहने की अपील की है. इस नंबर से किसी को भी मैसेज मिलने पर पैसे नहीं डालने और सावधान रहने की भी अपील की है. इस पूरी घटना के बाद जिला साइबर टीम आईपी एड्रेस और अन्य तकनीकी माध्यम से आरोपी को ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है.