अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज का 812वां उर्स, 8 जनवरी को झंडे की रस्म के साथ होगा शुरू, पढ़ें पूरा शेड्यूल

राजस्थान के अजमेर में स्थित विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स सात दिन बाद आठ जनवरी से शुरू होगा. इसके लिए भीलवाड़ा का गौरी परिवार झंडा लेकर ख्वाजा की नगरी अजमेर पहुंचेगा. पढ़ें 15 दिन तक चलने वाले इस उर्स का पूरा शेड्यूल क्या रहेगा.
अजमेर.
विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज का सालाना 812वां उर्स आगामी 8 जनवरी को झंडे की रस्म के साथ शुरू होगा. भीलवाड़ा से गौरी परिवार झंडा लेकर अजमेर पहुंचेगा. इसके बाद ढोल नगाड़ों के बीच झंडे को जुलूस के माध्यम से जरीन की मौजूदगी में बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जाएगा. इस दौरान तोप से झंडे को सलामी देकर इसका ऐलान देशभर में किया जाएगा. ख्वाजा साहब का उर्स करीब 15 दिन तक चलता है.
जानकारी के अनुसार औपचारिक रूप से उर्स की शुरुआत चांद दिखने के साथ ही 12 या 13 जनवरी को होगी. उसके बाद सुबह जन्नती दरवाजा खोला जाएगा उर्स की धार्मिक रस्में शुरू होंगी. इस मौके पर गुस्ल की रस्म अदा होने के साथ ही महफिल खाने में कव्वाली का आयोजन होगा और विभिन्न धार्मिक गतिविधियां आयोजित की जाएगी. 19 जनवरी को उर्स में जुम्मे की नमाज का आयोजन होगा और देश विदेश से आने वाले जायरीन जियारत करेंगे. उर्स मेले का समापन कुल की रस्म के साथ होगा. उस दिन केवड़े और गुलाब जल से दरगाह को धोया जाएगा. उसके बाद यह केवड़ा सभी के बीच वितरित किया जाएगा.
हमेशा की तरह इस बार भी 500 से अधिक पाकिस्तानी जायरीनों के जत्थे के उर्स में आने के आसार हैं. चूंकि इस उर्स में न केवल देशभर से बल्कि विदेशों से भी हजारों की संख्या में जायरीन ख्वाजा की चौखट चूमने के लिए आते हैं. इसलिए तैयारियों का सिलसिला शुरू कर दिया गया है. अजमेर जिला प्रशासन की ओर से भी इसकी व्यापक व्यवस्थाएं की जा रही है. अजमेर आने वाले जायरीनों के लिए अतिरिक्त ट्रेन और बसें चलाई जाएंगी.
एटीएस और इमरजेंसी रिस्पॉस टीम ने लिया इलाके का जायजा
हाल ही में उर्स की तैयारियों को जांचने के लिए एटीएस और इमरजेंसी रिस्पॉस टीम दरगाह क्षेत्र में पहुंची थी. उन्होंने इलाके की तंग गलियों में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. अजमेर एटीएस चौकी प्रभारी खान मोहम्मद ने बताया कि एटीएस की टीम के साथ ही इमरजेंसी रिस्पॉस टीम ने हथियारबंद जवानों की मौजूदगी में दरगाह और इसके आसपास वाले क्षेत्र में व्यवस्थाओं का जायजा लिया है. तंग गलियों के साथ ही पहाड़ी और अन्य क्षेत्रों में पहुंचकर उन्होंने सभी व्यवस्थाएं देखी गई हैं.