हिंदू समाज ढोंगी नंबर वन, गौ माता की जय बोलते हैं लेकिन दूध नहीं देती तो घर से निकाल फेंकते हैं:राज्यपाल आचार्य देवव्रत

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत बोले- हिंदू समाज ढोंगी नंबर वन, गौ माता की जय बोलते हैं लेकिन दूध नहीं देती तो घर से निकाल फेंकते हैं; छिड़ा विवाद
नई दिल्ली
राज्यपाल आचार्य देवव्रत के बयान पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई और एक वर्ग इसकी आलोचना करने लगा।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा है कि हिंदू समाज ढोंगी नंबर वन है। गऊ माता की जय तो बोलते हैं लेकिन जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे घर से निकाल देते हैं। गऊ माता को समझने और जानने की जरूरत है, तभी सही अर्थ निकलेगा।
आचार्य देवव्रत, 7 सितंबर कोगुजरात के नर्मदा जिले में ‘प्रकृति की गोद में जैविक खेती’ विषय पर आधारित एक सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘तुम जय तो बहुत बोलते हो गऊ माता की, पूजा भी करते हो, तिलक भी लगाते हो, घंटी भी बजाते हो पर बेचारी दूध नहीं देती तो घर से भी बाहर निकाल देते हो। गऊ माता की जय हो…गऊ माता की जय हो…न दूध पीते हो न गाय पालते हो और गऊ माता की जय हो…। इसलिये मैं कहता हूं ये हिंदू समाज ढोंगी नंबर वन है।’
आचार्य देवव्रत ने आगे कहा, ‘ये न दूध पीते हैं न ही गाय पालते हैं, बस गऊ माता की जय कहते हैं, क्या हो जाएगी गऊ माता की जय? गऊ माता को समझो और जानो, यही सही अर्थ में गऊ माता का सम्मान होगा।’
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
आचार्य देवव्रत के बयान पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कई लोग उनके बयान का समर्थन करते दिखे तो कई ने आपत्तिजनक बताया। नीरज कुमार नाम के यूजर ने लिखा, ‘अब देखता हूं कितनों की भावनाएं आहत होती हैं।’ अमरदीप नाम के यूजर ने अपनी पोस्ट में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा को टैग करते हुए लिखा, ‘कुछ बोलिये इसपर।’ प्रकाश गोडबोले ने लिखा, ‘बिल्कुल सही कहा ,गलत क्या है इसमें?’
प्राकृतिक खेती के हिमायती रहे हैं आचार्य देवव्रत
आचार्य देवव्रत को गौ आधारित प्राकृतिक खेती के हिमायती के तौर पर भी जाना जाता रहा है। वे कई मंच पर कहते रहे हैं कि गौ आधारित खेती से किसी और उर्वरक की जरूरत नहीं होगी। इस खाद्यान्न से स्वास्थ्य तो ठीक रहेगा ही, किसानों की आय भी दोगुनी हो जाएगी।
आपको बता दें कि राज्यपाल बनने से पहले आचार्य देवव्रत, सक्रिय तौर पर आर्य समाज से भी जुड़े रहे हैं और गुरुकुल का काम देखा है। वहां गौ सेवा से लेकर प्राकृतिक खेती पर अपनी पहल को लेकर चर्चा में रहे हैं।