ये हीरो बनेगा? कभी रंग को लेकर सुने थे ताने, 1 रोल ने बना दिया सुपरस्टार, फिर B ग्रेड फिल्में करने पर हुआ मजबूर
बॉलीवुड में किसी भी एक्टर के स्टार बनने के लिए सिर्फ प्रतिभा काफी नहीं है. आज भले ही हिंदी सिनेमा में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं, लेकिन 70-80 के दशक में एक्टर्स को स्टार बनाने में उनकी प्रतिभा के साथ ही उनके लुक्स का भी बड़ा योगदान होता था. 70 के दशक में बॉलीवुड में एक ऐसे सुपरस्टार उभरे जिन्हें कभी उनके रंग-रूप के चलते फिल्मों में काम नहीं मिलता था, लेकिन फिर समय ने ऐसी करवट ली कि वह उस दौर के सभी लीडिंग एक्टर्स पर भारी पड़ने लगे.
नई दिल्ली.
जिस एक्टर की हम बात कर रहे हैं, उन्होंने बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया. अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र को जब इंडस्ट्री में नाम था. उस दौर में ये एक्टर चुपके से इंडस्ट्री में आया लेकिन ये राह बिलकुल आसान नहीं थी. लंबा कद, लेकिन रंग दबा होने के वजह से लोगों को खूब ताने सुने. जिस किसी के पास काम मांगने जाते तो वो खिल्ली उड़ाते हुए कहा- ‘ये हीरो बनने चला है…ये हीरो बनेगा…’ ऐसे तानों के बाद भी एक्टर ने हार नहीं मानी और पहली ही फिल्म से खुद को साबित कर दिया. ये एक्टर और कोई नहीं बल्कि डिस्को डांसर यानी मिथुन चक्रवर्ती हैं.
मिथुन चक्रवर्ती आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. एक्टर ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में की हैं, जिसमें ‘डिस्को डांसर’, ‘शपथ’, ‘शतरंज’, ‘स्वर्ग से सुंदर’ जैसी फिल्में शामिल है. 80 और 90 दशक में बॉलीवुड पर अपना परचम लहराने वाले मिथुन चक्रवर्ती के करियर में एक ऐसा दौर आया था जब कोई बड़ी हीरोइन उनके साथ काम करने के लिए राजी नहीं होती थीं.
पहली फिल्म से जीता नेशनल अवॉर्ड फिर भी झेला रिजेक्शन
मिथुन चक्रवर्ती ने साल 1976 में फिल्म ‘मृगया’ से एक्टिग की दुनिया में कदम रखा था. इस फिल्म में अपने शानदार अभिनय से उन्होंने दर्शकों के साथ ही क्रिटिक्स को भी मंत्रमुग्ध कर दिया था. ‘मृगया’ में लाजवाब अभिनय के लिए मिथुन चक्रवर्ती को ‘नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्टर’ मिला था. डेब्यू फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड हासिल करने के बाद एक्टर को लगा था कि अब उनकी किस्मत चमक जाएगी. लेकिन हुआ इसके उलट. नेशनल फिल्म अवॉर्ड विजेता होने के बावजूद उन्हें इंडस्ट्री में कई बार रिजेक्शन झेलना पड़ा था.
मिथुन चक्रवर्ती मानते हैं कि स्टार से सुपरस्टार वो जीनल अमान की वजह से बने.
फरिश्ता बनकर आईं जीनत अमान
इस बात का जिक्र उन्होंने अपने कई पुराने इंटरव्यूज में किया है. उन्होंने बताया कि स्टार से सुपरस्टार बनने का सफर बिलकुल भी आसान नहीं था. डेब्यू फिल्म से क्रिटिक्स की खूब वाहवाही लूटने के बाद भी एक्टर को फिल्म इंडस्ट्री में आसानी से काम नहीं मिलता था. मिथुन चक्रवर्ती ने बताया था कि उनके काले रंग की वजह से कोई भी टॉप एक्ट्रेस उनके संग काम करने को तैयार नहीं होती थी, ऐसे में जीनत अमान उनके लिए फरिश्ता साबित हुई थीं.
‘तकदीर’ ने बना दी तकदीर
जब दूसरी एक्ट्रेस उनके रंग को लेकर फिल्म करने से मना कर देती थी. तब सिर्फ जीनत अमान ही थीं जों उन्हें ‘गुड लुकिंग’ समझती थीं. जीनत अमान ने मिथुन संग फिल्म करने के लिए हामी भर उनकी किस्मत पलट दी. एक्ट्रेस संग सुपरहिट फिल्म देने के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने कभी अपने करियर में पीछे मुड़कर नहीं देखा. एक्टर ने कहा था, जीनत अमान की देखा-देखी बाकी हीरोइने भी मेरे साथ काम करने के लिए राजी होने लगी. ‘तकदीर’ रिलीज हुई और मैं ए कैटेगरी का हीरो बन गया.’
‘डिस्को डांसर’ के सफल होने के बाद वो बुलदिंयों पर पहुंच गए.
‘डिस्को डांसर’ के बाद स्टारडम बुलंदियों पर पहुंचा
मिथुन चक्रवर्ती 1982 में रिलीज हुई ‘डिस्को डांसर’ के बाद स्टारडम बुलंदियों पर पहुंच गए. जिमी के किरदार को निभाते हुए मिथुन ने अपने शानदार डांस मूव्स और शानदार स्क्रीन प्रेजेंस से दर्शकों का दिल जीत लिया. इस फिल्म ने दर्शकों के दिलों में जगह बनाई और वह डिस्को डांसर के नाम से बॉलीवुड में मशहूर हो गए.