मणिपुर की धरती फिर हुई लाल, दो गुटों के बीच फायरिंग में 5 की मौत, उग्रवादियों के बंकर ध्वस्त

जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर में हालात एक बार फिर से खराब हो गए हैं. रॉकेट हमले के बाद अब दो गुटों में हिंसक टकराव हुआ है. इसे देखते हुए प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है
इंफाल/कोलकाता.
कुकी और मैतेई के बीच हिंसक झड़प का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले कुछ सप्ताहों से मणिपुर में कमोबेश शांति बरकरार थी, लेकिन अब एक बार फिर से पूर्वोत्तर भारत हिंसा की आग में झुलसने लगा है. रॉकेट अटैक से छाई दहशत अभी समाप्त भी नहीं हुई थी कि शनिवार अहले सुबह एक बार फिर से दो गुटों में हिंसक टकराव हो गया. हिंसा की ताजा घटना में 5 लोगों की मौत हो गई. हिंसक टकराव की यह घटना प्रदेश के जिरीबाम जिले में हु्ई है. दूसरी तरफ, सुरक्षाबलों ने विशेष अभियान चलाकर चुरचांदपुर जिले में उग्रवादियों के 3 बंकरों को तबाह कर दिया.
मणिपुर के जिरीबाम जिले में शनिवार सुबह हुई हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई जब वह सो रहा था. वहीं, 4 लोग दो विरोधी समुदायों के हथियारबंद लोगों के बीच गोलीबारी में मारे गए. अधिकारी के मुताबिक उग्रवादी जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर एक सुनसान स्थान पर अकेले रहने वाले व्यक्ति के घर में घुसे और उसकी गोली मारकर हत्या कर दी. अधिकारी ने बताया कि हत्या के बाद जिला मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर दो विरोधी समुदायों के हथियारबंद लोगों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें 3 उग्रवादियों सहित चार हथियारबंद लोगों की मौत हो गई.
टायर्ड पुलिसकर्मी की घर को जलाया
बता दें कि इस सप्ताह के शुरुआत में जिले में संदिग्ध ग्रामीण स्वयंसेवकों ने बोरोबेक्रा पुलिस थाने के जकुराधोर में एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के तीन कमरों के खाली पड़े मकान को जला दिया था. ट्राइबल बॉडी इंडीजिनस ट्राइब्स एडवोकेसी कमेटी (फेरजॉल और जिरीबाम) ने घटना में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है. मैतेई और हमार समुदायों के प्रतिनिधियों ने सामान्य स्थिति बहाल करने और आगजनी तथा गोलीबारी की घटनाओं को रोकने के लिए 1 अगस्त को असम के कछार में सीआरपीएफ के एक कार्यालय में समझौता किया था. इसके बाद बावजूद इलाके में हिंसा की घटनाएं हो रही हैं.
अभी तक 200 से ज्यादा की मौत
मणिपुर में पिछले साल मई में घाटी में रहने वाले मैतेई और हिल एरिया में निवास करने वाले कुकी-जो समुदायों के बीच हिंसक टकराव की शुरुआत हुई थी. हिंसा में अभी तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों की तादाद में लोग बेघर हो गए हैं. जिरीबाम जिला अभी तक इस हिंसा से अछूता था, लेकिन इस साल जून में एक बुजुर्ग की हत्या के बाद इस इलाके में भी हिंसा भड़क गई. जुलाई महीनें में उग्रवादियों ने सीआरपीएफ जवान के काफिले पर हमला कर दिया था, जिसमें एक जवान शहीद हो गया था. हजारों की तादाद में बेघर हुए लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है.