दिल्ली

CJI: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस हिमा कोहली की तारीफ की, बोले- ये महिला अधिकारों की प्रबल रक्षक

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘हमने सुनवाई के दौरान जस्टिस कोहली के रूप में एक सख्त व्यक्ति को देखा है, लेकिन हमने उनका बहुत ही नरम, मानवीय और दयालु पक्ष भी देखा है।’

नई दिल्ली

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति हिमा कोहली की जमकर तारीफ की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ‘जस्टिस हिमा कोहली न केवल एक महिला न्यायाधीश हैं, बल्कि महिलाओं के अधिकारों की प्रबल रक्षक भी हैं।’ जस्टिस हिमा कोहली आगामी 1 सितंबर को सेवानिवृत्त होने वाली हैं। ऐसे में उनके सम्मान में एक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सीजेआई (मुख्य न्यायाधीश) ने उक्त बातें कही।

सीजेआई बोले- जस्टिस हिमा कोहली के साथ बैठना खुशी की बात रही
न्यायमूर्ति हिमा कोहली सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों में वरिष्ठता में नौवें स्थान पर हैं, उनकी सेवानिवृत्ति के साथ सर्वोच्च न्यायालय में केवल दो महिला न्यायाधीश – न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी ही रह जाएंगी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ‘न्यायमूर्ति कोहली के साथ बैठना खुशी की बात रही। हमने बहुत गंभीर विचारों पर विमर्श किया है। ऐसे समय भी आए हैं जब उन्होंने मेरा समर्थन किया। हिमा, आप न केवल एक महिला न्यायाधीश हैं, बल्कि महिलाओं के अधिकारों की प्रबल रक्षक भी हैं।’ कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि न्यायमूर्ति कोहली ने अपना पूरा जीवन न्याय के लिए समर्पित कर दिया।

कपिल सिब्बल ने भी सराहा
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘हमने सुनवाई के दौरान जस्टिस कोहली के रूप में एक सख्त व्यक्ति को देखा है, लेकिन हमने उनका बहुत ही नरम, मानवीय और दयालु पक्ष भी देखा है।’ उन्होंने कहा, जस्टिस हिमा कोहली को हमेशा उनके निर्णयों के लिए याद किया जाएगा और जब भी जरूरत हुई तो उन्होंने करुणा के साथ न्याय किया।’ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि ‘शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में जस्टिस कोहली का कार्यकाल बहुत छोटा रहा। उन्होंने कहा कि जस्टिस कोहली का चेहरा सख्त है, लेकिन उनका दिल नरम है। जब हम अदालत जाते हैं, तो मैं हमेशा अपने सहयोगियों से कहता हूं कि जान लें कि आपका न्यायाधीश कौन है। जब हम आपकी अदालत में जाते हैं, तो आप अपना चश्मा नीचे करके देख रही होती हैं, हम जानते हैं कि हम मुश्किल में हैं। कोई भी आपके सामने चालाकी नहीं दिखा सकता, कोई भी आपको गुगली नहीं फेंक सकता।’

जस्टिस हिमा कोहली का शुरुआती जीवन
जस्टिस हिमा कोहली का जन्म 2 सितंबर, 1959 को दिल्ली में हुआ। उन्होंने नई दिल्ली के सेंट थॉमस स्कूल से शिक्षा प्राप्त की और सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में ऑनर्स के साथ स्नातक किया। उन्होंने इतिहास में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद 1984 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की डिग्री हासिल की। वे 1999 से 2004 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में नई दिल्ली नगर परिषद की स्थायी वकील और कानूनी सलाहकार रहीं।

जस्टिस हिमा कोहली को 29 मई, 2006 को दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 29 अगस्त, 2007 को उन्होंने स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। न्यायमूर्ति कोहली को 11 अगस्त, 2017 को पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय, कोलकाता की सामान्य परिषद के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। न्यायमूर्ति कोहली को 7 जनवरी, 2021 को तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई गई। उन्हें 31 अगस्त, 2021 को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

 

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