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‘आवाज उठाने की चुकानी पड़ती है कीमत’, स्वरा भास्कर ने मलयालम इंडस्ट्री की आड़ में बॉलीवुड पर कसा तंज

 जस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्ट चर्चा में बनी हुई है. इससे मलयालम इंडस्ट्री में तो खलबली मची ही हुई है, साथ ही अब बॉलीवुड पर भी इसका असर होने लगा है. स्वरा भास्कर ने इस कमिटी की रिपोर्ट पर रिएक्ट करते हुए बॉलीवुड को मेल-सेंट्रिक इंडस्ट्री बताया है. उन्होंने अपने पोस्ट में साफ कर दिया है कि ये चीजें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए नई नहीं हैं.

नई दिल्ली.

 हेमा कमिटी की रिपोर्ट के बाद से मलयालम इंडस्ट्री में तहलका मच गया है. इस रिपोर्ट ने इस फिल्म इंडस्ट्री के काले सच को दुनिया के सामने उजागर कर दिया है. मलयालम इंडस्ट्री में मची खलबली के बीच स्वरा भास्कर ने बॉलीवुड पर भी निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट साझा कर लिखा कि ये शोषण सिर्फ साउथ इंडस्ट्री तक सीमित नहीं हैं, बॉलीवुड भी इसके चपेट में है. उन्होंने बताया कि हेमा कमिटी में मेंशन की गई चीजों को वो बहुत करीब से देख चुकी हैं.

यौन शोषण के आरोपों से घिरी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री पर रिएक्ट करते हुए स्वरा अपने पोस्ट में लिखती हैं, ‘मुझे आखिरकार हेमा कमिटी की रिपोर्ट पढ़ने का मौका मिला. सबसे पहले मैं वुमेन इन सिनेमा कलेक्टिव (WCC) का आभार जताना चाहूंगी जो लगातार महिलाओं पर होने वाली हिंसा और शोषण के खिलाफ आवाज उठाती है’.

ऐसी घटनाओं से वाकिफ हैं स्वरा भास्कर
स्वरा भास्कर अपने पोस्ट में आगे लिखती हैं, ‘इस कमिटी की रिपोर्ट पढ़कर दिल टूट गया है. दिल इसलिए इतना ज्यादा दुखा है क्योंकि मैंने ये सब कुछ बहुत करीब से देखा है. हो सकता है इन घटनाओं की बारीकियां अलग हों, डिटेल्स अलग हों, लेकिन मैं इन सब घटनाओं से अच्छे से वाकिफ हूं’.

 

सफल एक्टर्स की भगवान से होती है तुलना
अपने लंबे-चौड़े पोस्ट में ‘वीरे दी वेडिंग’ एक्ट्रेस ने ये साफ कर दिया कि शोबिज के बिजनेस में अगर आप गलत के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हैं तो आपको इसकी काफी भारी कीमत चुकानी पड़ती है. वह लिखती हैं, ‘शोबिज सिर्फ पेट्रियारकल (पितृसत्तात्मक) ही नहीं रूढ़िवादी इंडस्ट्री है. यहां सफल एक्टर्स और डायरेक्टर्स की तुलना भगवान से होने लग जाती है. वो जो भी गलत करते हैं, सब माफ हो जाता है’.

आवाज उठाने पर काम करना मुश्किल
स्वरा भास्कर के मुताबिक फिल्म इंडस्ट्री में अगर कोई सफल एक्टर कुछ गलत करता है, तो बाकी लोगों की जिम्मेदारी है कि वह सबकुछ अनदेखा कर दें. अगर कोई आवाज उठाता है और कुछ बोलता है तो उसे ‘ट्रबल मेकर’ कहा जाता है और उसे साइडलाइन कर दिया जाएगा और फिर उसका इंडस्ट्री में काम करना मुश्किल कर दिया जाएगा’.

अब अगर वर्क फ्रंट पर बात करें तो स्वरा भास्कर काफी समय से पर्दे से दूर हैं. उन्होंने पिछले साल फरवरी में फहाद अहमद से शादी की थी और सितंबर में बेटी राबिया का स्वागत किया.

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