क्राइम

Californium Stone : परमाणु अनुसंधान केंद्र से चुराया कैलिफोर्नियम? गुजरात से बिहार की जेल तक जांच

17 करोड़ रुपये प्रति ग्राम कीमत वाला कैलिफोर्नियम बिहार पहुंचा तो क्यों? गुजरात से क्या है कनेक्शन? इन सवालों के साथ बिहार पुलिस गुजरात पुलिस के सहयोग से पता कर रही कि कहीं परमाणु अनुसंधान केंद्र से तो इसे चुराया नहीं गया था?

गोपालगंज

गोपालगंज की बलथरी चेक पोस्ट से बरामद कैलिफोर्नियम कहां से आया इस सवाल का जवाब पुलिस खोज रही है। पुलिस यह जानने के प्रयास में जुटी हुई है कि इतना महंगा सामान जिसके एक मुट्ठी की कीमत 850 करोड़ बताई जा रही है, वह सामान इनके पास कहां से पहुंचा। पुलिस यह जानना चाह रही है कि इस सामान के साथ तस्करों का विदेश से कनेक्शन है या फिर देश के किसी बिजली उत्पादन केंद्र या परमाणु अनुसंधान केंद्र से इसे चोरी किया गया है। अब तक की जांच में यह साफ नहीं हो सका है। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से पहुंची एसएफएल टीम की जांच से ही स्थिति स्पष्ट होगी। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से एसएफएल की टीम शनिवार की रात ही गोपालगंज पहुंचकर कैलिफोर्नियम की जांच शुरू कर दी है। लेकिन अभी तक इस जांच का रिपोर्ट नहीं मिल पाया है।

गुरूवार को मिला था 850 करोड़ का सामान 
गुरुवार को गोपालगंज जिले के कुचायकोट थाना क्षेत्र के बलथरी चेकपोस्ट से बाइक सवार तीन तस्करों को 50 ग्राम कैलिफोर्नियम के साथ  पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था। जनाक्रों के मुताबिक़ 50 ग्राम कैलिफोर्नियम की कीमत 850 करोड रुपए बताई जा रही है। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार तस्करों ने यूपी के कुशीनगर जिले के एक व्यक्ति खजांची प्रसाद का नाम बताया था जो गुजरात में रहकर मजदूरी करता है। उसी के द्वारा यह कैलिफ़ोर्नियम पदार्थ तस्करी करने के लिए दिया गया था। खजांची प्रसाद का नाम आने के बाद पुलिस उसकी गिरफ्तारी में जुट गई।

चोरी कहां से हुई यह जानने में जुटी पुलिस 
पुलिस का कहना है कि इस मामले के तह तक पहुंचने के लिए पुलिस सीवान जेल तक पहुंच गई। पुलिस का कहना है कि सीवान जेल में बंद अपराधी कैलिफोर्नियम लेकर आने वाले तस्करों को फोन पर गाइड कर रहा था। पुलिस के सामने यह पोल खुलते ही सुरक्षा एजेंसियां हाइअलर्ट हो गई हैं। सुरक्षा एजेंसियां अब जेल में बंद अपराधी को रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गई है। कैलीफोर्नियम के साथ गिरफ्तार तस्कर छोटेलाल प्रसाद के मोबाइल पर लगातार सीवान जेल से फोन आने की बात सामने आई है। पुलिस की एक टीम गुजरात पहुंचने के बाद कैलिफोर्नियम की आपूर्ति करने वाले की तलाश में जुट गई है। आपूर्तिकर्ता का मोबाइल बंद होने से उसका सही लोकेशन नहीं मिल पा रहा। गुजरात पुलिस की टीम भी बिहार पुलिस के सहयोग में जुटी हुई है। पुलिस के अधिकारी फिलहाल इस मामले में कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं। मुख्य रूप से पुलिस अब यह जानना चाहती है कि मुट्ठी भर सामान जिसकी कीमत 850 करोड़ है, आखिर इन तस्करों के पास आया कहाँ से।

Bihar News : Is 50 gm californium price worth 850 crore theft from atomic research centre or gujrat connection
आंच करने आये डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी टीम के सदस्य। –
कैलिफोर्नियम के मामले में आया ताजा अपडेट
तस्करों के द्वारा बरामद कैलिफोर्नियम के मामले में ताजा अपडेट आया है कि वह सामान वह चीज नहीं है जो बताया जा रहा था। इस संबंध में गोपालगंज पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने जानकारी देते हुए बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी की तीन सदस्यीय वैज्ञानिकों की टीम ने सैंपल की जांच की है। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सैंपल में कोई रेडियो सक्रियता नहीं पायी गयी है।
Bihar News : Is 50 gm californium price worth 850 crore theft from atomic research centre or gujrat connection
जांच टीम
जानिए क्या हुआ अब तक 
उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा स्थित बलथरी चेकपोस्ट पर बिहार पुलिस ने तीन संदिग्ध लोगों को एक सामन के साथ गिरफ्तार किया गया। वह सामान कार्बन में बंद था। सामान के साथ एक सर्टिफिकेट भी थाजिसे देखने के बाद गोपालगंज एसपी स्वर्ण प्रभात ने इसे कैलिफोर्नियम बताया। इस संबंध में उन्होंने विशेष जानकारी देते हुए कहा था कि यह कैलिफोर्नियम है जिसके 50 ग्राम की कीमत लगभग 17 करोड़ है। यानी मुट्ठी भर सामन की कीमत 17 करोड़। यह जानने के बाद पूरे देश की नजर इस पर अटक गई और इसकी जांच के लिए डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी की तीन सदस्यीय वैज्ञानिकों की टीम को बिहार बुलाया गया। टीम ने जांच के बाद यह स्पष्ट किया कि  इस सैंपल में कोई रेडियो सक्रियता नहीं पायी गयी है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि जिस मुट्ठी भर सामान की कीमत 17 करोड़ बताई जा रही थी, यह वह सामान नहीं है। रेडियोएक्टिव पदार्थ की हैंडलिंग और आगे की जांच के लिए एफएसएल की विशेष टीम एवं परमाणु ऊर्जा विभाग को भी सूचित किया गया था। शनिवार रात दिल्ली से परमाणु ऊर्जा विभाग की तीन सदस्यीय टीम शनिवार की शाम गोपालगंज पहुंची थी। विशेषज्ञों द्वारा जांच के बाद यह बताया गया कि इस पदार्थ में रेडियो सक्रियता नहीं है।

 

 

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button