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Paris Olympics 2024: ‘पिस्टल क्वीन’ मनु भाकर ने रचा इतिहास, 124 साल में ऐसा कारनामा करने वाली पहली निशानेबाज

Manu Bhaker-Sarabjot Singh Bronze Medal, Paris Olympics 2024: भाकर ने इससे पहले 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था

Manu Bhaker-Sarabjot Singh Bronze Medal, Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 के चौथे दिन भारतीय शूटर मनु भाकर ने इतिहास रच दिया है. मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने पेरिस ओलंपिक 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम में कांस्य पदक जीत लिया है. इससे पहले मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था. इसके अलावा अब एक और मेडल मनु ने भारत के खाते में डाल दिया है.

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मनु भाकर ने रचा इतिहास
अब आज  कांस्य पदक मैच में मनु भाकर और सरबजोत सिंह कांस्य पदक मैच को जीतने में सफल रही. मनु ओलंपिक के इतिहास में एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली भारत की पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं. इससे पहले अबतक कोई भी भारतीय ऐसा कारनामा ओलंपिक में नहीं कर पाया है. वैसे, सुशील कुमार और पीवी सिंधु ने दो मेडल जरूर जीते हैं लेकिन ये मेडल एक ही ओलंपिक में नहीं जीते हैं.

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Who is Sarabjot Singh :(कौन है सरबजोत सिंह)
मनु भाकर के साथ कांस्य पदक मैच में हिस्सा लेने वाले सरबजोत सिंह के पास भी इतिहास रचने का मौका होगा. दोनों शूटर भारत को कांस्य पदक दिला सकते हैं. बता दें कि सरबजोत सिंह हरियाणा के अंबाला के बराड़ा ब्लॉक के धीन गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ पूरी की है. सामान्य परिवार से आने वाले सरबजोत सिंह को शुरू से ही शूटिंग का शौक था. उनके माता-पिता ने उन्हें शुरू से ही प्रोत्साहित किया था. अपने स्कूलिंग के दिनों से ही सरबजोत सिंह ने शूटिंग करना शुरू कर दिया था.

कई मेडल जीत चुके हैं सरबजोत सिंह

Sarabjot Singh अपने नाम कई मेडल कर चुके हैं.  साल 2019 में वे ISSF जूनियर वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतकर सरबजोत सिंह  ने इतिहास रचा था. इसके अलावा सरबजोत ने एशियन गेम्स शूटिंग मुकाबले में दिव्या टी.एस. के साथ मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल में भारत को रजत पदक दिलाने का काम किया था. अब ब्रॉन्ज मेडल मैच को जीतकर Sarabjot Singh इतिहास रचने के करीब हैं.

सरबजोत का करियर रहा है संघर्ष भरा
आउटलुक इंडिया को दिए अपने एक इंटरव्यू में सरबजोत  ने कहा था कि उनका सपना ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का रहा है. हर बार जब आप मंच पर कदम रखते हैं, तो अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं.  ओलंपिक तक का सफर मेरे लिए काफी संघर्ष भरा रहा है. सरबजोत ने ओलंपिक में खेलने को लेकर कहा था कि, मैं इसे  बस एक और टूर्नामेंट की तरह ले रहा हूं, मैं अपने ऊपर दबाव नहीं लाना चाह रहा हूं,  मैं सिर्फ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता हूं,ओलंपिक में अपने परफॉर्मेंस को लेकर मैं बिल्कुल भी डरा हुआ नहीं हूं; मुझे नहीं पता क्यों, लेकिन मैं इस समय वास्तव में शांत हूं, भले ही यह ओलंपिक हो – सबसे बड़ा खेल आयोजन’

 

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