अखिलेश ने संसद में क्यों किया पारले-जी का जिक्र, मोदी सरकार और इस बिस्कुट में बताई समानता, कहा-10 साल में…

सपा सांसद अखिलेश यादव ने आज बजट को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला और सरकार की तुलना पारले जी बिस्कुट से कर डाली. आखिर अखिलेश यादव ने इस पसंदीदा बिस्कुट का नाम क्यों लिया और कैसे मोदी सरकार को इसके समान बताया.
नई दिल्ली.
सरकार और विपक्ष की नोकझोक से गरमाता संसद का माहौल आज मंगलवार को उस समय ठहाकों से गूंज उठा जब अखिलेश ने पारले-जी बिस्कुट के बहाने तंज कसा. उन्होंने आम आदमी के इस पसंदीदा बिस्कुट का जिक्र करते हुए इसकी समानता मोदी सरकार से कर दी. आखिलेश की बातें सुनकर कई सांसदों के चेहरे पर मुस्कुराहट तैर गई और गरमा-गरमी के बीच माहौल चुटीला हो गया. सपा नेता और यूपी से सांसद अखिलेश यादव आज संसद में बजट पर अपना पक्ष रख रहे थे.
आखिलेश ने संसद में कहा, मौजूदा मोदी सरकार ने पारलेजी बिस्कुट से एक चीज सीखी कि सबकुछ छोटा कर दिया जाए. उन्होंने सरकार पर चुटीले अंदाज में तंज कसते हुए, केंद्र सरकार ने 10 साल में डीएपी खाद की बोरी को छोटा कर दिया. जैसे पारले जी बिस्कुट का पैकेट लगातार छोटा होता जा रहा है. मेरी गुजारिश है कि अब इसे इससे भी ज्यादा छोटा मत करना कि पारलेजी की तरह आधा रह जाए.
किसान के बहाने साधा निशाना
अखिलेश ने किसानों का जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, आज किसान जब डीएपी खाद लेने जाते हैं तो कहा जाता है कि बिना नैनो यूरिया के नहीं मिलेगा. आखिर सरकार बताए कि नैनो यूरिया से किसानों को क्या लाभ पहुंचा है. हर चीज छोटी कर देने से क्या लोगों का भला हो रहा है. अखिलेश के इस बयान के आखिर पारले जी बिस्कुट से जोड़ने के क्या मायने हैं और अपनी शुरुआत के बाद से पारले जी बिस्कुट का यछोटा होता गया पारले जी का पैकेट
दरअसल, कंपनी ने अपनी कीमत को सिर्फ 1 रुपये ही बढ़ाई लेकिन पैकेज का साइज और वजन लगभग आधा कर दिया. पारले जी का मौजूदा बिस्कुट 1994 में शुरू हुआ था. तब इसकी कीमत 4 रुपये थी, आज यह 5 रुपये का बिकता है, क्योंकि कंपनी ने 2021 में एक रुपये दाम बढ़ा दिया था. लेकिन, 1994 में जहां बिस्कुट की पैकेट का वजन 100 ग्राम होता था, वहीं कुछ साल बाद से घटाकर 92.5 ग्राम कर दिया गया. इसके बाद फिर इसका वजन घटाकर 88 ग्राम कर दिया और आज यह पैकेट सिर्फ 55 ग्राम का रह गया है. यानी शुरुआत से आज तक इसका वजन 45 ग्राम कम किया जा चुका है.ह पैकेट कितना छोटा हो चुका है.
अखिलेश का यह बयान आखिर पारले जी बिस्कुट को लेकर ही क्यों आया, इसका जवाब इस बिस्कुट के पैकेट को देखकर आपको खुद ही मिल जाएगा. एक तरफ जहां देश में हर खाने-पीने की चीजों के दाम सालभर में 10-20 फीसदी बढ़ जाते हैं, वहीं पारले जी बिस्कुट की सबसे छोटी पैकेज का दाम 30 साल में सिर्फ 1 रुपये ही बढ़ाया गया. इसके पीछे का खेल जानकर आपको भी हैरानी होगी कि कैसे कंपनी ने बिना ग्राहक को भनक लगे अपना नुकसान भी बचा लिया और दाम भी नहीं बढ़ाया.
दरअसल, कंपनी ने अपनी कीमत को सिर्फ 1 रुपये ही बढ़ाई लेकिन पैकेज का साइज और वजन लगभग आधा कर दिया. पारले जी का मौजूदा बिस्कुट 1994 में शुरू हुआ था. तब इसकी कीमत 4 रुपये थी, आज यह 5 रुपये का बिकता है, क्योंकि कंपनी ने 2021 में एक रुपये दाम बढ़ा दिया था. लेकिन, 1994 में जहां बिस्कुट की पैकेट का वजन 100 ग्राम होता था, वहीं कुछ साल बाद से घटाकर 92.5 ग्राम कर दिया गया. इसके बाद फिर इसका वजन घटाकर 88 ग्राम कर दिया और आज यह पैकेट सिर्फ 55 ग्राम का रह गया है. यानी शुरुआत से आज तक इसका वजन 45 ग्राम कम किया जा चुका है.