दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में दावा: पुजारी ने 9 साल की दलित लड़की का पहले भी किया था यौन उत्पीड़न

पुजारी ने लड़की के माता-पिता को कहा कि उसकी बेटी की मौत करंट लगने से हुई है, और इसे साबित करने के लिए उन लोगों ने उसके शव पर पानी डाल दिया था. इतना ही नहीं, पोस्टमार्टम के दौरान बच्ची का अंग निकालने के बारे में उसके माता-पिता को डराकर उसका शव का दाह-संस्कार मुफ्त में करने और 20 हजार रुपये नकद देने का भी प्रस्ताव रखा था.
नई दिल्ली.
दिल्ली के छावनी इलाके में 9 साल की दलित लड़की के साथ कथित रेप और हत्या के बाद उसका आनन-फानन में दाह संस्कार किए जाने के मामले में एक नया खुलासा हुआ है कि मुख्य अभियुक्त श्मशान घाट के पुजारी ने उसका पहले भी यौन उत्पीड़न किया था. इंडियन एक्सप्रेस ने दिल्ली पुलिस द्वारा इस मामले में दाखिल आरोप-पत्र के हवाले से खबर दी है कि 55 वर्षीय पुजारी राधेश्याम ने उस नाबालिग लड़की के साथ पहले भी यौन उत्पीड़न किया था. राधेश्याम के अलावा कुलदीप सिंह (63), लक्ष्मी नारायण (48) और सलीम अहमद (49) को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है.”
अभियुक्तों ने दावा किया है कि नाबालिग लड़की की मौत कूलर से पानी निकालते वक्त करंट लगने से हुई है, जबकि मृतका के परिजनों का आरोप है कि उन लोगों ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया और जब वह मर गई तो उसके शव का आनन-फानन में दाह संस्कार कर दिया.
पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पूछताछ में किए गए खुलासों, सार्वजनिक गवाहों और सीसीटीवी फुटेज पर भरोसा जताया है. आरोप पत्र में कहा गया है कि राधेश्याम ने पुलिस को बताया था कि उसने पहले भी नाबालिग लड़की को अश्लील चीजें दिखाई थीं और उसके निजी अंगों को छुआ था.
आरोप पत्र के अनुसार, राधेश्याम ने खुद कबूल किया है कि उस दिन उसने सलीम को जलेबी लेने बाहर भेज दिया था और खुद एवं कुलदीप दोनों ने नाबालिग के साथ बारी-बारी दुष्कर्म किया था. पुलिस ने आरोप-पत्र में कहा है कि लड़की की मौत यौन उत्पीड़न के दौरान दम घुटने के कारण हुई थी.
क्या कहता है आरोप पत्र
आरोप-पत्र में कहा गया है किपुजारी ने लड़की के माता-पिता को कहा कि उसकी बेटी की मौत करंट लगने से हुई है, और इसे साबित करने के लिए उन लोगों ने उसके शव पर पानी डाल दिया था. इतना ही नहीं, पोस्टमार्टम के दौरान बच्ची का अंग निकालने के बारे में उसके माता-पिता को डराकर उसका शव का दाह-संस्कार मुफ्त में करने और 20 हजार रुपये नकद देने का भी प्रस्ताव रखा था. आरोप-पत्र के अनुसार, पुजारी ने सलीम और नारायण को चिता सजाने को कहा और मृतका की मां के मना करने के बावजूद चिता में आग लगवा दी थी.पुलिस के अनुसार, राधेश्याम ने जिस बेडशीट पर नाबालिग से रेप किया था, उसे और जिस मोबाइल फोन पर कथित तौर पर पॉर्न दिखाया था, दोनों को चिता में जला दिया था. श्मशानघाट पहुंचने पर नाबालिग के पिता ने दाह-संस्कार किए जाने का विरोध किया था.
कोर्ट ने क्या कहा
इस बीच राजधानी की एक निचली अदालत ने इस मामले की रोज-रोज सुनवाई करने का दिल्ली पुलिस का अनुरोध ठुकरा दिया है. अतिरिक्त् सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार ने यह कहते हुए पुलिस की यह अर्जी ठुकरा दी कि इस केस को मिलाकर पॉक्सो के 620 मामले लंबित हैं, जिनके कई अभियुक्त न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने कहा कि मामले की त्वरित सुनवाई करने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन हर रोज सुनवाई संभव नहीं है.