केंद्र सरकार ने बंगाल का पैसा रोक दिया, हमारे साथ भेदभाव किया गया : ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बजट में बंगाल के साथ भेदभाव किया गया है। ममता ने कहा, ”बजट के जरिए जो बंगाल को पैसा मिलना चाहिए था वो केंद्र सरकार ने रोक दिया है। हमारे साथ मोदी सरकार द्वारा भेदभाव…
नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बजट में बंगाल के साथ भेदभाव किया गया है। ममता ने कहा, ”बजट के जरिए जो बंगाल को पैसा मिलना चाहिए था वो केंद्र सरकार ने रोक दिया है। हमारे साथ मोदी सरकार द्वारा भेदभाव किया गया है। यह बंगाल की जनता के साथ भेदभाव हुआ है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ बंगाल की अनदेखी नहीं बल्कि अन्य विपक्षी राज्यों की भी अनदेखी की गई है। बता दें कि ममता बनर्जी ने नीति आयोग की बैठक में शामिल होने पर भ्रम की स्थिति को दूर कर दिया है। उन्होंने शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने की पुष्टि कर दी है।
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 27 जुलाई को नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए अपने दिल्ली दौरे को एक दिन के लिए स्थगित करने का फैसला किया था। इस बैठक में शामिल होने के लिए बनर्जी को गुरुवार को नई दिल्ली रवाना होना था। यह निर्णय कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों द्वारा केंद्रीय बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ कथित भेदभाव के विरोध में बैठक का बहिष्कार करने के फैसले के एक दिन बाद आया है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी बैठक में शामिल नहीं होंगे
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल न होने का निर्णय लिया है। सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार, विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बताया कि वह बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे और इसके बजाय केरल के वित्त मंत्री के बी बालगोपाल को भेजने की अनुमति मांगी है। सूत्रों ने बताया कि विजयन ने यह पत्र केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किए जाने से पहले ही लिखा था, हालांकि, उनके बैठक में शामिल न होने का कारण स्पष्ट नहीं है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी बैठक का किया बहिष्कार
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। उनका आरोप है कि केंद्रीय बजट में उनके राज्य को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है।