बोरिस जॉनसन का इस्तीफ़ा, नया पीएम चुने जाने तक पद पर बने रहेंगे

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. इस्तीफ़ा देने से पहले उन्होंने राष्ट्र को संबोधित किया.
अपने संबोधन की शुरुआत में जॉनसन ने कहा कि नए नेता को चुनने की प्रक्रिया अब शुरू होनी चाहिए और इसका टाइम-टेबल अगले सप्ताह शुरू हो जाएगा.
जॉनसन ने कहा कि जब तक कोई नया नेता नहीं आ जाता, वह पीएम पद पर बने रहेंगे.
बोरिस जॉनसन ने कहा, “हमें ब्रिटेन के हर हिस्से की क्षमता को उजागर और प्रोत्साहित करने की ज़रूरत है. उन्होंने दावा किया कि अगर ब्रिटेन ऐसा करने में कामयाब होता है तो यह देश यूरोप में सबसे समृद्ध देश होगा.”
जॉनसन ने कहा कि जो भी नया नेता होगा वह उसे अपना भरपूर समर्थन देंगे.
जॉनसन ने अपने संबोधन में कहा, “हर बात से इतर मैं जनता को धन्यवाद कहना चाहूंगा. ब्रिटेन के लोगों को शुक्रिया कहना चाहूंगा.”
उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि एक-साथ रहते हुए हम सभी का भविष्य सुनहरा है.
प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन यह कहते हुए समाप्त किया कि जब तक कोई नया नेता नहीं चुन लिया जाता, तब तक वह पद पर बने रहते हुए जनता की सेवा करेंगे.
उन्होंने कहा कि इस पद को छोड़ते हुए वे बेहद दुखी हैं. उन्होंने कहा, “मैं आप सभी को यह बताना चाहता हूं कि दुनिया की इस सबसे अच्छी जॉब को छोड़ते हुए मैं कितना दुखी हूं.”
दो सप्ताह पहले शुरू हो गई थी इस फ़ैसले की पृष्ठभूमि
पिछले दो दिनों में बोरिस जॉनसन की कैबिनेट के कई मंत्रियों ने त्यागपत्र दिया है और कई सांसद उनके ख़िलाफ़ हो गए हैं.
आने वाले समय में कंज़र्वेटिव पार्टी में नेता पद के लिए मुक़ाबला होगा और अक्तूबर में पार्टी सम्मेलन में नए प्रधानमंत्री का एलान होगा.
इस बीच बोरिस जॉनसन प्रधानमंत्री के पद पर बने रहेंगे.
हालांकि मंत्रियों के इस्तीफ़े के बाद बोरिस जॉनसन ने दावा किया था वे अपने पद पर बने रहेंगे.
ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद के इस्तीफ़े से मंत्रियों के इस्तीफ़े की शुरुआत हुई.
इन दोनों नेताओं ने त्यागपत्र देते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के नेतृत्व में उनका अब भरोसा नहीं है.

बोरिस जॉनसन: एक परिचय
- 23 जुलाई 2019 – बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने.
- टेरीज़ा मे के इस्तीफ़ा देने के बाद प्रधानमंत्री बने थे बोरिस जॉनसन.
- टेरीज़ा मे के कार्यकाल में बोरिस जॉनसन विदेश मंत्री थे.
- वो दो बार लंदन के मेयर रह चुके हैं.
- बोरिस जॉनसन ने पत्रकार, सांसद, मेयर और विदेश मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक सफ़र तय किया है.
- उनकी पहचान एक ऐसे शख़्स के तौर पर है जिसे ना सुनना पसंद नहीं है.
- बोरिस के भारत से न सिर्फ़ राजनीतिक बल्कि निजी रिश्ते भी रहे हैं. उनकी तलाकशुदा पत्नी मरीना व्हीलर क्यूसी का भारतीय कनेक्शन है.
- बोरिस जॉनसन अपने मज़ाकिया भाषणों के लिए जाने जाते हैं.
- उन्हें दक्षिणपंथी विचारधारा की ओर झुकाव के लिए जाना जाता है.
- बोरिस, साइकिल चलाने के बेहद शौकीन हैं. उन्होंने लंदन में साइकिल किराए पर देने की स्कीम लॉन्च की जो बेहद मशहूर हुई.
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ऋषि सुनक ने कहा था कि लोग सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह गंभीरता से और ठीक से काम करे. वहीं साजिद जाविद ने अपने इस्तीफ़े में दावा किया था कि सरकार राष्ट्र हित में काम नहीं कर रही है.
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वो कारण जिसकी वजह से ब्रिटेन के मंत्रियों ने छोड़ा बोरिस जॉनसन का साथ
पूरा मामला सांसद क्रिंस पिंचर को डिप्टी चीफ़ व्हिप बनाने से शुरू हुआ. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सांसद क्रिस पिंचर को सरकारी ज़िम्मेदारी देने को लेकर माफ़ी भी मांगी. लेकिन मंत्री और सांसद इससे नहीं माने. बोरिस जॉनसन ने स्वीकार किया कि पिंचर को इस साल की शुरुआत में डिप्टी चीफ़ व्हिप बनाकर बड़ी ग़लती की थी.
दरअसल, 30 जून को ब्रिटेन के समाचार-पत्र ‘द सन’ ने एक रिपोर्ट छापी थी, जिसमें दावा किया गया था कि सत्ताधारी कंज़र्वेटिव पार्टी के सांसद क्रिस पिंचर ने लंदन के एक प्राइवेट क्लब में दो मर्दों को आपत्तिजनक तरीक़े से छुआ.
‘द सन’ की रिपोर्ट आने के बाद पिंचर को इस्तीफ़ा देना पड़ा. मगर कुछ ही दिनों के भीतर ब्रिटेन की मीडिया में ऐसी और भी रिपोर्टें आईं. हाल के वर्षों में पिंचर के कथित यौन दुर्व्यवहार से जुड़े कम-से-कम छह और मामले सामने आए.
फ़ैसले के बाद प्रतिक्रियाएं
- बिज़नेस सेक्रेटरी क्वीसी क्वारतेंग ने सलाह देते हुए कहा कि वह नहीं चाहते हैं कि बोरिस जॉनसन अक्तूबर तक भी पीएम पद पर रहें. उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी हो सके ब्रिटेन को एक नया नेता मिलना चाहिए.
- कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता निक गिब ने कहा कि उन्हें (बोरिस जॉनसन) हर हाल में चले जाना चाहिए.
- पूर्व स्कॉटिश कंज़र्वेटिव नेता रूथ डेविडसन ने ट्वीट किया कि उनके पास अक्तूबर तक बने रहने का कोई विकल्प नहीं है. यह सोचना भी सच को झुठलाने जैसा है कि वो अक्तूबर तक बने रहें.
पिंचर को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया. उन्होंने माफ़ी माँग ली और कहा कि वो जाँच में पूरा सहयोग करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि वो “पेशेवर मेडिकल मदद” ले रहे हैं.
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बोरिस जॉनसन कैसे हैं लिप्त?
बोरिस जॉनसन वैसे तो इस सेक्स स्कैंडल से सीधे सीधे लिप्त नहीं हैं मगर इस स्कैंडल ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है.
1 जुलाई को ब्रिटेन सरकार ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री को पिंचर की नियुक्ति से पहले उन पर लगे किसी आरोप की कोई जानकारी नहीं थी. सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री को पिंचर पर लगाए गए “ख़ास आरोपों” की जानकारी नहीं थी.
इसके बाद भी उनके कई मंत्रियों ने यही बात दोहराई.
मगर, 4 जुलाई को प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने कहा कि बोरिस जॉनसन को ऐसे आरोपों की जानकारी थी जिनसे निपटा गया या जिनपर औपचारिक शिकायत नहीं हुई. प्रवक्ता ने साथ ही कहा कि पिंचर की नियुक्ति को रोकना उचित नहीं समझा गया क्योंकि ये आरोप साबित नहीं हुए थे.
उसी दिन दोपहर में बीबीसी ने बताया कि बोरिस जॉनसन को 2019-20 में ही पिंचर के विरुद्ध लाई गई एक औपचारिक शिकायत के बारे में बताया गया था जब वो विदेश मंत्री थे. इस शिकायत पर आगे जाकर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हुई थी जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि दुर्व्यवहार हुआ था.
बाद में बोरिस जॉनसन ने बीबीसी से कहा, “मेरे पास एक शिकायत आई थी, मगर वो बहुत पुरानी बात है, और बस ज़ुबानी तौर पर कहा गया था… मगर ये कोई बहाना नहीं है, मुझे उस पर कार्रवाई करनी चाहिए थी.”
जॉनसन ने मांगी थी माफ़ी
बोरिस जॉनसन को पिंचर पर लगे आरोपों के बारे में पता था तब भी उन्होंने उनकी नियुक्ति की थी. जॉनसन ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कहा है कि उनसे ‘ग़लती’ हुई है. जॉनसन ने कहा कि उनके फ़ैसले से जो भी प्रभावित हुए हैं, उनसे वह माफ़ी मांगते हैं.
बोरिस जॉनसन के इस फ़ैसले की विपक्ष के साथ उनके ख़ुद के सांसद भी आलोचना कर रहे थे.
क्रिस पिंचर को यौन दुराचार के मामले में पिछले हफ़्ते कंज़र्वेटिव पार्टी के सांसद से निलंबित कर दिया गया था. हालांकि पिंचर ने यौन कदाचार के आरोपों को ख़ारिज किया है.
बीबीसी ने उनसे 2019 में इन आरोपों को लेकर संपर्क किया था लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. पिंचर की नियुक्ति बोरिस जॉनसन ने की थी और उन्हें आरोपों के बारे में पता था. इस नियुक्ति को लेकर विपक्ष हमला बोल रहा था और साथ ही बोरिस जॉनसन के सांसद भी आलोचना कर रहे थे.