राजस्थान

अजमेर की डॉक्टर प्रिया बनी देवदूत, दिल्ली एयरपोर्ट पर बचाई बुजुर्ग की जान, सोशल मीडिया में छाई,

अजमेर के रेलवे अस्पताल में कार्यरत डॉ. प्रिया गर्ग इन दिनों सोशल मीडिया में छाई हुई हैं. उन्होंने हाल ही में दिल्ली एयरपोर्ट पर अचेत होकर गिरे एक बुजुर्ग को सीपीआर देकर उनकी जान बचाई है. उनका यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल रहा है. बुजुर्ग की बाईपास सर्जरी की गई है.

अजमेर.

दिल्ली एयरपोर्ट पर अचेत हुए एक बुजुर्ग को सीपीआर देकर उनकी जान बचाने वाली अजमेर की डॉक्टर प्रिया गर्ग सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं. डॉक्टर प्रिया अजमेर के रेलवे अस्पताल में एनिस्थिसिया विभाग में पदस्थापित हैं. डॉ. प्रिया ने देश की जनता को धन्यवाद दिया है कि उन्होंने उनके पॉजिटिव काम की तारीफ की. वे कहती हैं कि डॉक्टर हमेशा मरीज को बचाने का ही प्रयास करते हैं. लेकिन कई बार स्थितियां विकट हो जाती हैं और डॉक्टर को गलत समझ लिया जाता है. ऐसा नहीं होना चाहिए.

डॉ. प्रिया ने बताया कि यह घटनाक्रम 14 जुलाई का है. वे अपने पति डॉक्टर रमाकांत के साथ अमरनाथ से वापस लौट रही थी. लेकिन उनकी फ्लाइट ढाई घंटे लेट हो गई. वे दिल्ली एयरपोर्ट पर फूड कोर्ट पर वह अपनी फ्लाइट का इंतजार कर रही थी. इसी बीच वहां एक बुजुर्ग अचानक अचेत होकर नीचे गिर गए. इस घटना के बाद वहां हड़कंप मच गया. इस बात की जानकारी पर मिलने पर वह अपने पति डॉक्टर रमाकांत के साथ वहां पहुंची.

बुजुर्ग की बाईपास सर्जरी की गई है
वहां उन्हें दो अन्य डॉक्टर दंपति भी मिल गए. सभी ने अचेत होकर गिरे बुजुर्ग को तुरंत सीपीआर देना शुरू किया. महज 5 ही मिनट में बुजुर्ग सांसें वापस शुरू हो गईं. बाद में उन्हें एयरपोर्ट अथॉरिटी की मदद से तुरंत नजदीकी चिकित्सालय पहुंचाया गया. वहां बुजुर्ग की बाईपास सर्जरी की गई. अभी वे अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत ठीक बताई जा रही है.

फ्लाइट समय पर होती तो वे वहां से निकल जाती
बकौल डॉ. प्रिया शायद भगवान को यही मंजूर था. उनकी फ्लाइट ढाई घंटे लेट थी. अगर समय पर होती तो वे पहले ही वहां से निकल जाती. उन्होंने कहा कि इस वीडियो के वायरल होने की जानकारी उन्हें नहीं थी. 14 जुलाई को वापस आने के बाद उन्होंने 15 जुलाई को हॉस्पिटल वापस ज्वॉइन कर लिया. 17 जुलाई को उनके पास यह वायरल वीडियो आया. तब उन्हें पता चला कि बुजुर्ग को सीपीआर देते करते समय किसी ने उनका यह वीडियो बना लिया जो अब वायरल हो रहा है.

सीपीआर से मरीज की जान बचाई जा सकती है
उन्होंने बताया कि सीपीआर कितना जरूरी है. सीपीआर देने से हार्ट अटैक से अचेत हुए मरीज की जान बचाई जा सकती है. ऐसे में इसकी ट्रेनिंग सभी के पास होनी चाहिए. यह ट्रेनिंग नजदीकी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में भी सेमिनार के माध्यम से दी जाती है. सबको यह ट्रेनिंग लेनी चाहिए ताकि इस तरह की स्थिति में वे लोगों की मदद कर सकें. डॉक्टर प्रिया गर्ग जयपुर की रहने वाली हैं. उन्होंने जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से ही अपनी पढ़ाई पूरी की है. पढ़ाई पूरी होने के बाद वे बीकानेर और अन्य जिलों में रही. बीते 12 साल से वे अजमेर के रेलवे अस्पताल में वे सेवाएं दे रही हैं.

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