राजस्थान

आभार जताने या ताकत दिखाने का इरादा, वसुंधरा राजे का क्या है प्लान? राजस्थान में मचा बवाल

वर्तमान में वसुंधरा राजे लोकसभा चुनाव के बाद अपने क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त करने के लिए अपने बेटे और सांसद दुष्यंत सिंह के साथ झालावाड़ जिले में डेरा डाले हुई हैं. हालांकि राजनीतिक गलियारे में ये एक इशारा माना जा रहा है कि वसुंधरा इस दौरे के जरिए इस पूरे क्षेत्र में अपनी पकड़ को और मजबूत करने के साथ-साथ केंद्र को ताकत दिखा रही हैं.

जयपुर

एक वक्त था जब राजस्थान की राजनीति वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के ईर्द-गिर्द घूमती रहती थी. लेकिन शीर्ष नेतृत्व बदला और फिर राजनीति का केंद्र भी बदल गया. हालांकि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ तो राज्य की राजनीतिक शक्ति अशोक गहलोत के हाथ में ही है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व बदला तो वसुंधरा राजे की राजनीतिक शक्ति कमजोर पड़ गई. यही वजह है कि वसुंधरा आए दिन केंद्र को अपनी ताकत का एहसास कराती रहती हैं.

आभार जताने या ताकत दिखाने का इरादा
वर्तमान में वसुंधरा राजे लोकसभा चुनाव के बाद अपने क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त करने के लिए अपने बेटे और सांसद दुष्यंत सिंह के साथ झालावाड़ जिले में डेरा डाले हुई हैं. हालांकि राजनीतिक गलियारे में ये एक इशारा माना जा रहा है कि वसुंधरा इस दौरे के जरिए इस पूरे क्षेत्र में अपनी पकड़ को और मजबूत करने के साथ-साथ केंद्र को ताकत दिखा रही हैं. इस जिले में कुल 4 विधानसभा सीट हैं. राजस्थान में दरकिनार किए जाने के बाद राजे केवल अपने और अपने बेटे के इलाके में ही सक्रिय हैं. वो पार्टी के लिहाज से राजस्थान में कहीं भी सक्रिय नजर नहीं आ रही हैं.

झालावाड़ और बारां का पार्टी नेतृत्व में वसुंधरा राजे का प्रभाव
वसुंधरा की नारजगी सभी ने उस वक्त ही देख लिया था, जब प्रेस कांफ्रेंस में वसुंधरा को केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने सीएम के नाम की पर्ची पकड़ाई और जब उन्होंने उसे खोल कर देखा था तो चेहरे के हाव-भाव ही बदल गए थे. लेकिन ये पार्टी का फैसला था. इसके खिलाफ जाना वसुंधरा और उनके बेटे दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता था. हालांकि वसुंधरा राजे के सक्रिय ना होने के कारण राजस्थान में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ रहा है. झालावाड़ और बारां में पार्टी संगठन राजे के कब्ज़े में है. इसमें कोई शंका नजर नहीं आती है. वहां पार्टी साफ़ तौर पर राजे के प्रभाव में है. पार्टी को पता है कि वहां राजे के बिना नैया पार नहीं लगेगी.

झालावाड़ से पांचवीं बार दुष्यंत सिंह जीते लोकसभा चुनाव
गौरतलब है कि इस लोकसभा चुनाव में पार्टी ने पांचवीं बार पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था, जिसके बाद दुष्यंत सिंह ने रिकॉर्ड मार्जिन से जीत दर्ज कर पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया की धर्मपत्नी उर्मिला जैन भाया को हराया था. अपने बेटे की जीत सुनिश्चित करने के लिए लोकसभा चुनाव में वसुंधरा राजे ने भी झालावाड़ में पड़ाव डालकर चारों विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर भाजपा के लिए वोट मांगे थे. ऐसे में अब लोकसभा चुनाव के बाद वसुंधरा राजे व दुष्यंत सिंह जनता का आभार व्यक्त करने के लिए झालावाड़ जिले के चार दिवसीय दौरे पर हैं.

 

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