अगर रिलीज हो जाती ये फिल्म तो विलेन नहीं हीरो होते अमजद खान, ‘गब्बर’ को मिलता एक नया नाम, लेकिन …

…जब बच्चा रोता है तो मां कहती है..सोजा बेटा वरना गब्बर आ जाएगा’ ये डायलॉग तो आपको याद ही होगा. ‘शोले’ में ‘गब्बर सिंह’ का किरदार अदा कर अमजद खान ने बॉलीवुड के सबसे बड़े खलनायकों की सूची में अपना नाम दर्ज कर लिया था. लेकिन बहुत कम लोग ही इस बात से वाकिफ होंगे कि दिग्गज एक्टर जयंत के बेटे अमजद खान असल में फिल्मों में विलेन नहीं बल्कि हीरो बनना चाहते थे.
नई दिल्ली.
‘शोले’ (Sholay) के ‘गब्बर’ (Gabbar) को कौन नहीं जानता है. आज भी इस फिल्म का जिक्र होने से सबसे पहले दिमाग में ‘गब्बर’ का किरदार ही आता है. फिल्म की रिलीज के सालों बाद भी ‘गब्बर’ के डायलॉग लोगों के जुबान पर हैं. ये करैक्टर था ही ऐसा. अमजद खान (Amjad Khan) ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से इस किरदार को बड़े पर्दे पर कुछ यूं जीवित कर दिया था कि इसे भूल पाना नामुमकिन है. ‘गब्बर सिंह’ के रोल में नजर आने के बाद से ही वह दर्शकों के दिलो-दिमाग में बतौर खलनायक स्थापित हो चुके थे. ऑडियंस उन्हें सिर्फ खलनायक के किरदार में ही देखना चाहती थी.
‘गब्बर’ बन बड़े पर्दे पर अमर हो चुके अमजद खान के बारे में बहुत कम लोग ये जानते हैं कि सदी का सबसे बड़ा खलनायक दरअसल, हीरो बनना चाहता था. अमजद खान को अदाकारी पिता से विरासत में मिली थी. उनके पिता जयंत फिल्मों की दुनिया का जाना- माना नाम थे और वह अपने बेटे को भी बतौर हीरो लॉन्च करना चाहते थे. लेकिन अमजद खान की डेब्यू फिल्म के लिए कोई निर्माता- निर्देशक न मिलने की वजह से उन्होंने खुद ही फिल्म प्रोड्यूस करने के बारे में विचार किया.
अमजद खान फिल्म ‘पत्थर के सनम’ से बतौर हीरो डेब्यू करने वाले थे. इस फिल्म को उनके पिता जयंत प्रोड्यूस करते जबकि उनके भाई इस फिल्म के निर्देशक होते, लेकिन उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. ये फिल्म किसी कारणवश कभी नहीं बन पाई. अगर ये फिल्म बनती तो अमजद खान आज विलेन नहीं बल्कि बॉलीवुड के टॉप हीरो होते.
हीरो बनने के लिए सोचा था अलग नाम-
फिल्मों में बतौर हीरो लॉन्च करने के लिए एक्टर का स्क्रीन नेम भी सोचा गया था. हीरो बन वह नीरज के नाम से लोकप्रियता हासिल करते. हालांकि, ऐसा हुआ नहीं और वह ‘शोले’ में ‘गब्बर’ बन छा गए. बता दें, ‘शोले’ अमजद खान की डेब्यू फिल्म नहीं थी. उन्होंने 1951 में आई फिल्म ‘नाजनीन’ से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट डेब्यू किया था. वह महज 11 साल की उम्र से ही सिनेमा जगत में नाम कमाना चाहते थे.
हार्ट अटैक से हुआ निधन
अपने दो दशक के लंबे करियर के दौरान ये एक्टर कई फिल्मों में बतौर खलनायक नजर आ चुके हैं. अपने कमाल के अभिनय के चलते उन्होंने कई अवॉर्ड्स भी जीते हैं. लेकिन साल 1992 में हार्ट अटैक की वजह से एक्टर का निधन हो गया था.