धर्म

गुप्त नवरात्रि के मौके पर इन मंदिरों में करें पूजा…हर मन्नत हो जाएगी पूरी, होगी पैसों की वर्षा!

Gupt Navratri 2024: नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. ऐसे में कई माता मंदिर हैं, जिनकी मान्यता अद्भुत और प्राचीन है. यह माता मंदिर शक्तिपीठ और सिद्ध पीठ मंदिरों में शुमार हैं. यहां पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. मान्यता है कि यहां पूजा करने से भक्तों का कष्ट बाधा मां भवानी दूर देती हैं.  भक्त अपनी मुरादे लेकर मां भवानी के दरबार में अर्जी लगाने आते है.

गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. ऐसे में माता मन्दिरों में काफी भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. आप अमेठी के माता देवीपाटन धाम मन्दिर भी जा सकते हैं. यहां मन्दिर की स्थापना राज परिवार ने कराई थी. इस मन्दिर की मान्यता प्राचीन है कि संतान प्राप्ति के साथ बड़े-बड़े कष्ट मां भवानी दूर कर देती है. यह मंदिर करीब 5 एकड में फैला है. मन्दिर में मां दुर्गा भगवान कृष्ण बजरंग बली हनुमान के साथ कष्टों को हरने वाले शनिवार देव की पूजा अर्चना की जाती है.

माता हिंगलाज भवानी का मंदिर मुसाफिरखाना के दादरा गांव में स्थित है. यह प्राचीन मंदिर कई वर्ष पुराना है. वर्ष के 12 महीने इस मंदिर में श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए पहुंचते हैं. मंदिर की स्थापना 600 वर्ष पूर्व तुलसीदास के शिष्य और समकालीन रहे बाबा पुरुषोत्तम दास ने की थी. मान्यता यह भी है कि मंदिर में मौजूद अमृत सरोवर के नीर से आंखों की बीमारी के साथ अन्य बीमारी से फायदा होता है. इसके साथ यहां पर माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना के लिए टिकरी चढ़ती हैं. इसके साथ ही पुत्र रतन की प्राप्ति के लिए घंटिंया बांधकर मां भवानी से आराधना करती हैं.

अमेठी का तीसरा सिद्धपीठ मन्दिर काम्खया देवी मन्दिर है. यह मन्दिर शुकुलबाजार के पन्ही गांव में स्थित है. अमेठी के शुकुलबाजार क्षेत्र के पनही गांव में कामाख्या देवी का मंदिर स्थापित है. इस मंदिर की स्थापना धर्मराज युधिष्ठिर ने की थी. मंदिर की मान्यता है कि यहां दीपक जलाने से निःसन्तान को संतान की प्राप्ति होती है. मंदिर शताब्दी वर्ष प्राचीन का है. यहां खुदाई के दौरान मू्र्ति मिली थी, जिसके बाद अज्ञातवास के दौरान इसकी स्थापना की गई मंदिर में भक्तों की भीड़ होती है. यहां आप ऑटो रिक्शा के साथ अपने निजी साधन से भी पहुंच सकते हैं.

अमेठी का यह प्रसिद्ध मंदिर काफी प्राचीन है. यह मंदिर माता अहोरवा भवानी के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर की स्थापना द्वापर युग में हुआ था. मंदिर काफी प्राचीन है, मान्यता है कि यहां पर दर्शन पूजन करने से रोगी रोग रहित होता है. इसके साथ ही भक्तों का कष्ट मां भवानी दूर करती हैं. मंदिर अमेठी के तिलोई तहसील के सिंहपुर ब्लॉक में स्थित है.

अमेठी के संग्रामपुर विकासखंड के भौसिंहपुर गांव में अमृत कुंड पर मां कालिका धाम का मंदिर विराजमान है. सिद्ध पीठ कालिकन धाम का महत्व प्राचीन है. दूरदराज से यहां पर हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. मंदिर में ही अमृत कुंड विराजमान है. जहां का शीतल जल स्पर्श मात्र से ही बड़े-बड़े दुख और कष्ट दूर कर देता है. इस मंदिर की मान्यता श्रीमद्भागवत महापुराण देवी पुराण और कालिका पुराण जैसे महान ग्रंथों में मिलती है. भक्तों की अलग-अलग मान्यता है कोई भक्त यहां पर मान्यता पूरी होने पर टिकरी चढ़ाता है, तो कोई घंटे बांधकर अपनी आस मां भवानी से लगाता है.

 

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