PM मोदी की ‘रेवड़ी कल्चर’ वाली टिप्पणी के खिलाफ ‘आप’ ने खोला मोर्चा, गुजरात में कई जगहों पर जोरदार प्रदर्शन

अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वड़ोदरा में कई ‘आप’ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। मोदी ने वोटों की खातिर मुफ्त सुविधाएं /लाभ देने को ‘रेवड़ी संस्कृति करार देते हुए लोगों को उसके खिलाफ चेताया था।
अहमदाबाद
आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने लोगों को वोट के लिए मुफ्त उपहार देने के ‘रेवड़ी कल्चर’ (Revadi Culture) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया टिप्पणी के विरोध में सोमवार को पूरे गुजरात में प्रदर्शन किए।
अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वड़ोदरा में कई ‘आप’ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के उद्घाटन समारोह में लोगों को संबोधित करने के दौरान वोटों की खातिर मुफ्त सुविधाएं /लाभ (Freebies) देने को ‘रेवड़ी कल्चर’ करार देते हुए लोगों को उसके विरुद्ध चेताया था। ‘आप’ कार्यकर्ता उनकी इसी चेतावनी का विरोध कर रहे थे।
‘आप’ 200 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने जैसी मुफ्त या अत्यधिक सब्सिडी वाली सेवाओं के दिल्ली मॉडल का जोर-शोर से प्रचार कर रही है और गुजरात में उसने अपने चुनाव प्रचार का आधार उसे ही बनाया है।
राज्य के कई शहरों में ‘आप’ कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में तख्तियां लेकर एवं नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात की भाजपा सरकार करदाताओं का पैसा निजी आनंद तथा अपने मित्रों को करोड़ों रुपये का लाभ पहुंचाने पर खर्च कर रही है।
उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ, दिल्ली सरकार लोगों के घर तक सरकारी सेवाएं पहुंचा रही है। ‘आप’ की प्रदेश इकाई ने एक बयान में दावा किया कि ‘आप’ प्रधानमंत्री के बयान पर कड़ी आपत्ति जताती है। आज देश में ‘आप’ ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने दिल्ली को ऋण से मुक्त कर दिया है एवं लेागों को मुफ्त सुविधाएं प्रदान की हैं।
कुछ दिन पहले केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उनकी सरकार की मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और बिजली की योजनाएं कोई ‘मुफ्त रेवड़ियां’ नहीं हैं, बल्कि भारत को दुनिया में नंबर एक देश बनाने की नींव रखने के प्रयास हैं।
प्रधानमंत्री ने ‘रेवड़ी’ शब्द का इस्तेमाल किया था, जो एक लोकप्रिय उत्तर भारतीय मिठाई है जो अक्सर त्योहारों के दौरान बांटी जाती है। उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा सत्ता पाने के अपने प्रयासों में मुफ्त उपहारों का वादा करने के रूप में इसका जिक्र करते हुए कहा था कि लोगों, विशेष रूप से युवाओं को इससे दूर रहना चाहिए।