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‘JDU-TDP के समर्थन बिना NDA को बहुमत मिलना मुश्किल था’; विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर भी बोले पवार

शरद पवार ने कहा कि सरकार की बागडोर पीएम मोदी के हाथों में है, लेकिन चुनाव के नतीजों को देखते हुए लोगों का जनादेश उनकी सुविधा के अनुकूल नहीं है। पांच साल पहले की तुलना में उनकी सीटें कम हो गई है।

मुंबई

राकांपा-एसपी के प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को बताया कि लोगों ने सत्ता को एक या दो व्यक्तियों के हाथों में केंद्रित होने के लिए मतदान किया। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा के लिए 543 सदस्यीय लोकसभा में 272 का बहुमत हासिल करना मुश्किल होता अगर उन्हें नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू, चंद्रबाबू नायडू के तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और अन्य गठबंधनों का साथ नहीं मिलता।

 

विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है राकांपा-एसपी
शरद पवार ने दावा किया कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी पूरी तरह से तैयार है और राज्य की सत्ता उनके हाथ में होगी। राकांपा के 25वां स्थापना दिवस के मौके पर राकांपा (एसपी) कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश एक अलग परिस्थिति से गुजर रहा है। बता दें कि महाराष्ट्र में राकांपा-एसपी 10 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ी थी, जिनमें से आठ में उन्हें जीत मिलीं।

शरद पवार ने कहा, “सरकार की बागडोर पीएम मोदी के हाथों में है, लेकिन चुनाव के नतीजों को देखते हुए लोगों का जनादेश उनकी सुविधा के अनुकूल नहीं है। पांच साल पहले की तुलना में उनकी सीटें कम हो गई है। संसद में भी उनकी ताकत और बहुमत कम हो गया है।”

पवार ने आगे कहा, “अगर उन्हें (भाजपा) जदयू या तेलुगू देशम पार्टी और आंध्र प्रदेश की अन्य पार्टियों का समर्थन नहीं मिलता तो उनके लिए बहुमत का आंकड़ा पार करना मुश्किल होता।” उन्होंने दावा करते हुए कहा, “पिछले पांच वर्षों में एक या दो लोगों ने ही देश को अपनी मर्जी से चलाया है। उन्होंने देश के बारे में व्यापक तरीके से नहीं सोचा और केवल सत्ता के केंद्रीकरण पर जोर दिया।” राकांपा-एसपी प्रमुख ने कहा, “सत्ता का केंद्रीकरण तो नहीं हुआ, लेकिन एक ऐसे प्रशासन की प्रक्रिया शुरू हो गई, जो सत्ता के केंद्रीकरण के रास्ते पर चलेगा।”
राकांपा के स्थापना दिवस पर फहराया झंडा
राकांपा के स्थापना दिवस पर शरद पवार ने अपनी बेटी की उपस्थिति में पार्टी का झंडा फहराया। उन्होंने कहा, “पिछले 25 वर्षों में हमने पार्टी की विचारधारा को देशभर में फैलाने का काम किया। हम पूरी ताकत से पार्टी को आगे तक ले जाएंगे।” बता दें कि शरद पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की स्थापना की थी। पिछले साल जुलाई में अजित पवार और कुछ अन्य विधायक राज्य में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गई थी, जिसके बाद ही राकांपा दो हिस्सों में विभाजित हो गई। इस साल फरवरी में चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली राकांपा बताया और उन्हें राकांपा का चुनाव चिन्ह घड़ी आवंटित किया गया।

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