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राजकोट अग्निकांड : नगर निगम को हाईकोर्ट की फटकार, कहा-तीन साल से क्या कर रहे थे आप

राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड का स्वत: संज्ञान लेते हुए सोमवार को गुजरात हाईकोर्ट ने राजकोट नगर निगम को जमकर फटकार लगाई

 

अहमदाबाद

राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड का स्वत: संज्ञान लेते हुए सोमवार को गुजरात हाईकोर्ट ने राजकोट नगर निगम को जमकर फटकार लगाई। साढ़े चार घंटे चली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने निगम के अधिकारियों से कहा कि तीन से भी अधिक समय से यहां अवैध रूप से गेम जोन का संचालन हो रहा था, लेकिन आप लोग सोए थे या अंधे हो गए थे।

हाईकोर्ट ने घटना के लिए राजकोट नगर निगम व आयुक्त को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि इस लापरवाही के लिए इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि नगर निगम, पुलिस और सड़क एवं भवन विभाग के अधिकारियों की निगरानी में गेम जोन चलता था। यह 2021 में चालू हुआ और तीन साल के बाद भी आवश्यक मानकों को पूरा नहीं कर रहा था।

कोर्ट ने कहा कि गेम जोन के पास फायर एनओसी भी नहीं था। सवाल यह उठता है कि निगम की नाक के नीचे यह अवैध रूप से कैसे चलता रहा। कोर्ट ने मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बिना थाने की इजाजत के गेम जोन कैसे चल रहा था। पुलिस वालों ने अपनी आंखें क्यों बंद की हुई थी।

न्यायाधीश ने कहा, अग्नि सुरक्षा नियमों की अनदेखी के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं। कोर्ट ने कहा, यह दुर्घटना नहीं, मानव निर्मित घटना है। शासन-प्रशासन को बताना चाहिए कि उनकी लापरवाही से मासूमों की जान कब तक जाती रहेगी।

कोर्ट ने कहा कि इस घटना के लिए नगर आयुक्त जिम्मेदार हैं, लेकिन इस स्तर पर हम कोई आदेश नहीं देना चाहते। हम उन्हें एक मौका देना चाहते हैं। कोर्ट ने नगर आयुक्त और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को आदेश दिया कि वे बताएं कि 2021 से जब से यह गेम जोन संचालित हो रहा है, उन्हाेंने सुरक्षा उपाय के लिए क्या कदम उठाए। न्यायाधीश ने कहा कि आयुक्त सहित निगम के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। राजकोट की घटना आंखें खोलने वाली है।

कोर्ट ने निगम के मुख्य अग्निशमन अधिकारी को भी शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया और यह बताने को कहा कि आग से बचाव के लिए उनकी ओर से शहर में क्या-क्या उपाय किए गए हैं। इस संबंध में आवश्यक उपकरणों की सूची भी देने को कहा गया। कोर्ट ने अग्निशमन अधिकारी को गेम जोन मुद्दे पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट और भविष्य की योजना का खाका भी पेश करने का आदेश दिया।

राजकोट पुलिस कमिश्नर को भी यह स्पष्टीकरण देने को कहा गया कि पुलिस की नाक के नीचे गेम जोन तीन साल से भी अधिक समय से कैसे संचालित हो रहा था। सभी को अपना हलफनामा तीन जून को कोर्ट में पेश करना होगा। मामले की अगली सुनवाई छह जून को होगी। कोर्ट ने अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा व राजकोट के आयुक्तों को आग से बचाव के लिए अपने क्षेत्र में उठाए गए कदमों व गेम जोन की सूची भी सौंपने को कहा।

उधर, घटना में अब तक 32 लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार की भी आंखें खुल गई हैं। सरकार ने इसकी जांच के लिए तत्काल प्रभाव से एक एसआईटी का गठन किया है। इसकी अंतरिम रिपोर्ट आज या कल तक आने की उम्मीद है। इस घटना पर राज्य सरकार ने 48 घंटे में सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। मामले में अब तक तीन लोगोें को गिरफ्तार भी किया गया है।

बता दे घटना में मारे गए कुछ शव डीएनए सैंपल मैच होने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिए गए। अब तक हादसे मेें मरने वालो की संख्या 32 तक पहुंच गई है। वहीं, कुछ का अभी तक पता नहीं चला है।

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