सोनिया गांधी के लगभग 20 साल पुराने बयान का जिक्र करते हुए शशि थरूर ने कहा कि हिंदू उदार विचारों ने भारत की धर्मनिरपेक्ष पहचान में योगदान दिया है। थरूर ने अयोध्या में राम मंदिर के समारोह से किनारा करने के कांग्रेस के फैसले का बचाव भी किया है।
तिरुवनंतपुरम
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बीच राजनीति और धर्म पर जमकर बयानबाजी हो रही है। कांग्रेस का ‘निमंत्रण ठुकराना’ भी चर्चा में है। भाजपा कांग्रेस पर ‘हिंदू विरोधी’ होने के आरोप लगा रही है। इसी बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोनिया गांधी के लगभग 20 साल पुराने भाषण का जिक्र कर बीजेपी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि हिंदू उदार विचारों ने भारत की धर्मनिरपेक्ष पहचान में योगदान दिया। सोनिया गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए थरूर ने कहा, विवेकानंद की शिक्षाएं वर्तमान समय के लिए अत्यधिक प्रासंगिक और प्रभावशाली संदेश देती हैं।
भाजपा के दावों का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को कहा, रामकृष्ण मिशन में सोनिया गांधी ने करीब दो दशक पहले भाषण दिया था। उन्होंने इस बात पर काफी जोर दिया कि कैसे हिंदू उदार विचारों ने भारत की धर्मनिरपेक्ष पहचान में योगदान दिया। थरूर ने हिंदू धर्म के बारे में स्वामी विवेकानंद के विचारों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने समाज के कुछ वर्गों द्वारा स्वामी विवेकानंद का ‘खास मकसद के लिए इस्तेमाल’ (appropriation) पर चिंता और दुख व्यक्त किया था।
बकौल थरूर सोनिया ने 1999 के अपने भाषण में कहा था कि विवेकानंद ने ‘भारत की बहुलवादी और समग्र विरासत’ की जमकर प्रशंसा की थी। थरूर ने कहा कि करीब दो दशक पहले अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता में थी। 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर नई दिल्ली स्थित रामकृष्ण मिशन के केंद्र पर साल 1999 में सोनिया गांधी भाषण दिया था। उन्होंने कहा था कि नफरत और दुश्मनी को बढ़ावा देने वाले समूह स्वामी विवेकानंद के विचारों को विकृत कर पेश कर रहे हैं। प्राचीन सभ्यता की धर्मनिरपेक्ष नींव को हथियाने का प्रयास किया जा रहा है।
थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस (INC) का हिंदू उदारवाद के साथ जुड़ाव पिछले एक दशक की घटनाओं की हालिया प्रतिक्रिया नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंदू उदारवाद, लंबे समय से चला आ रहा है, इसकी धारणा बेहद गहरी है। कांग्रेस सांसद ने कहा, आज स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के बारे में अधिक प्रभावी संदेश की कल्पना करना कठिन है। बकौल थरूर, सोनिया गांधी ने कहा था कि भारत मुख्य रूप से धर्मनिरपेक्ष है। हिंदू धर्म, एक दर्शन और एक जीवन शैली के रूप में, पूर्वजों के कथन पर आधारित है।
केरल से निर्वाचित कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा कि सोनिया गांधी ने अपने भाषण में ‘एकम सत, विप्राः बहुधा वदंति (सत्य एक है, बुद्धिमान इसे विभिन्न तरीकों से अपनाते हैं)’ का भी जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि लगभग 25 साल पहले सोनिया गांधी ने शिकागो में विवेकानंद के भाषण को भी याद किया था। थरूर ने कहा कि विवेकानंद ने एक धार्मिक परंपरा से संबंधित होने पर अपने गौरव पर जोर दिया था। विवेकानंद ने लोगों को सभी धार्मिक विचारों को सच मानने की शिक्षा दी थी।
थरूर के मुताबिक सोनिया गांधी ने कहा था, ‘हम न केवल सभी धर्मों को सम्मान देते हैं, बल्कि उन सभी को सच मानते हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने थरूर के प्रयासों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि थरूर का एक्स पोस्ट ‘अद्भुत अभिलेखीय अनुसंधान’ है। जयराम रमेश के मुताबिक यह समय के अनुकूल भी है। थरूर की पोस्ट को साझा करते हुए रमेश ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में स्वामी विवेकानंद के सम्मान में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का एलान किया था।
बता दें कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं- सोनिया गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी को 22 जनवरी की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए अयोध्या आने का निमंत्रण दिया गया था। हालांकि, इन नेताओं ने कार्यक्रम से किनारा करने का फैसला लिया है। कांग्रेस के फैसले की आलोचना करते हुए भाजपा ने दावा किया है कि उनके फैसले से भारत की संस्कृति और हिंदू धर्म के प्रति पार्टी के अंतर्निहित विरोध का पता चलता है।
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