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“एक वोट नहीं”: 26,000 शिक्षकों की नौकरी जाने के बाद ममता बनर्जी का बड़ा बयान

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “बीजेपी या सीपीएम या कांग्रेस के लिए एक भी वोट नहीं, न शिक्षकों का, न किसी सरकारी कर्मचारी का.”

26,000 शिक्षकों की नौकरी ख़त्म करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री ने कहा, “बीजेपी या सीपीएम या कांग्रेस के लिए एक भी वोट नहीं, न शिक्षकों का, न किसी सरकारी कर्मचारी का.”

उन्होंने कहा, “मुझे अभी भी सर्वोच्च न्यायालय से न्याय की उम्मीद है. सीबीआई को खरीद लिया है. एनआईए को खरीद लिया है. दूरदर्शन का रंग भगवा कर दिया है – वे केवल बात करेंगे.”

इस सप्ताह की शुरुआत में, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सरकार प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए 2016 की भर्ती प्रक्रिया को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि कुछ उम्मीदवारों ने नौकरी पाने के लिए रिश्वत दी थी. शिक्षक भर्ती मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत कई तृणमूल नेता और पूर्व अधिकारी जेल में हैं. लेकिन इस कदम ने एक ही झटके में 26,000 शिक्षकों को बेरोजगार कर दिया. उनसे 12% ब्याज के साथ अपना वेतन लौटाने को कहा गया. राज्य ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

अदालत का आदेश राज्य में गेमचेंजर हो सकता है, जहां 2019 में राज्य की 42 सीटों में से 18 सीटें जीतने वाली भाजपा अपने पदचिह्न का विस्तार करने की उम्मीद कर रही है. संदेशखाली में विवाद से बैकफुट पर धकेल दी गई ममता बनर्जी की पार्टी को जनता के गुस्से का फायदा मिलने की उम्मीद है.

सभी नियुक्तियों को रद्द करने के अदालती आदेश के खिलाफ कोलकाता में पहले ही भारी विरोध प्रदर्शन हो चुका है. प्रदर्शनकारियों ने तर्क दिया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त कुछ लोगों के कारण हजारों निर्दोष शिक्षक, उनके परिवार और साथ ही छात्र पीड़ित हैं.

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