सियासी दलों को फंड देना बेहतर विकल्प, राष्ट्रीय कोष बनाने की जरूरत : पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त SY Quraishi

SY Quraishi: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि चुनाव के लिए पैसा देने के बजाय राजनीतिक दलों को फंड देना बेहतर विकल्प होगा। इससे सियासी दलों की संगठनात्मक जरूरतों और राजनीतिक गतिविधियों का ध्यान रखा जा सकेगा।
नई दिल्ली
चुनावी बॉन्ड योजना को खत्म किए जाने के बाद राजनीतिक चंदे पर फोकस होने के बीच पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने बुधवार को एक राष्ट्रीय कोष बनाने की वकालत की। जिसमें कॉर्पोरेट चंदा दिया जा सके और फिर पिछले चुनाव में अपने प्रदर्शन के अनुपात में दलों को वितरित किया जा सके।
कुरैशी ने कहा कि चुनाव के लिए पैसा देने के बजाय राजनीतिक दलों को फंड देना बेहतर विकल्प होगा। इससे सियासी दलों की संगठनात्मक जरूरतों और राजनीतिक गतिविधियों का ध्यान रखा जा सकेगा। पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कुरैशी ने कहा, 2017 में जब चुनावी बॉन्ड योजना शुरू की गई थी तो यह पारदर्शिता की बात करती थी। लेकिन इसने उस तक मौजूद पारदर्शिता को ही खत्म कर दिया। कुरैशी जुलाई 2010 से जून 2012 के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त रहे।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, अगर आपको याद हो तो तब के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने भाषण की शुरुआत बहुत खूबसूरती से की। उन्होंने कहा था कि राजनीतिक चंदे की पारदर्शिता के बिना स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है। यह हमारे कानों के लिए एक संगीत की तरह था क्योंकि यही हम कह रहे थे। उनका दूसरा बयान भी उतना ही अच्छा था कि पिछले सत्तर साल से हम उस पारदर्शिता को हासिल करने में नाकाम रहे हैं। हमें उम्मीद थी कि उनका तीसरा वाक्य यह होगा कि हम पारदर्शिता हासिल करने जा रहे हैं और हम इसे इसी तरह करेंगे।
कुरैशी ने आगे कहा, उन्होंने जो किया वह उस समय तक मौजूद सभी पारदर्शिता को खत्म करने के लिए था। जो पारदर्शिता थी वह यह थी कि 20 हजार रुपये से ज्यादा के प्रत्येक दान की सूचना चुनाव आयोग को दी जाती थी। उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना में नकदी लेनदेन को बैंकिंग से बदलने में कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन वह इस बात से सहमत नहीं हैं कि दानदाता इसलिए गोपनीयता चाहता है क्योंकि उसे बदले की कार्रवाई का डर रहता है
उन्होंने कहा, मैं इस पर सवाल उठाता हूं। पिछले सत्तर वर्षों में दानकर्ता उन्हीं दलों को दान देते रहे हैं जो चुनाव जीतती और हारती रही हैं। कुरैशी ने कहा, किसी ने भी बदले की कार्रवाई की शिकायत नहीं की है। मैं भाजपा से पूछता हूं कि क्या आपने कांग्रेस के दानकर्ताओं के खिलाफ बदले की कार्रवाई की है या कांग्रेस ने आपके दानकर्ताओं के खिलाफ कोई बदले की कार्रवाई की है? कभी नहीं। दानदाता बहुत चतुर और चालाक हैं और सभी पक्षों को दान देते हैं।
उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार दिया है। जैसाकि आप देख सकते हैं कि अलमारी से बहुत सारे कंकाल निकल रहे हैं। मेरा रुख यह है कि कंकाल निकलते रहेंगे। बहुत सारी जानकारी होगी, लेकिन इन सबके पोस्टमॉर्टम में मत जाइए। कुरैशी ने सुधारों की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि देश अब वापस 2017-18 की स्थिति में आ गया है, जब किसी को पता नहीं होता था कि पैसा कहां से आ रहा है। उन्होंने कहा, चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक घोषित किए जाने क बाद हम 2018 की स्थिति में वापस आ गए हैं, जब योजना शुरू हुई थी। क्या तब यह सुखद स्थिति थी? निश्चित रूप से नहीं।