जन्माष्टमी पर ऐसे करें भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार, साथ रखें ये चीजें

जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण (Lord Krishna) का पूर्ण श्रृंगार कर पूजन करने से वह बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव हर वर्ष भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाए जाने का विधान है.
हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव, भक्त जन्माष्टमी के रूप में हर वर्ष मनाते हैं. देश ही नहीं विदेशों में भी इस दिन का महत्व विशेष होता है, जहां भगवान कृष्ण के भक्त भव्य झांकियां निकालते है और उनकी आराधना करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव हर वर्ष भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाए जाने का विधान है, जो कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, अगस्त-सितंबर के महीने में पड़ता है. वर्ष 2021 में ये पर्व 30 अगस्त (सोमवार) को हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाएगा. इस दिन भक्त व्रत करते हुए,
रातभर भगवान की आराधना करेंगे और फिर पारण मुहूर्त के अनुसार, भगवान को भोग लगाते हुए अपना व्रत खोलने की परंपरा निभाएंगे. कई हिन्दू शास्त्रों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत को ‘व्रतराज’ की उपाधि दी गई है, जिसके अनुसार माना गया है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को साल भर के व्रतों से भी अधिक शुभ फल प्राप्त होते हैं.
जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त और समय
श्री कृष्ण जन्माष्टमी- 30 अगस्त (सोमवार)
निशीथ पूजा मुहूर्त- रात 23:59:27 बजे से रात 24:44:18 बजे तक
अवधि- 44 मिनट
जन्माष्टमी पारण मुहूर्त- 31 अगस्त को सुबह 05:57:47 बजे के बाद
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन भक्त सुबह से ही अपने घर के पूजा स्थलों को साफ करके यह पर्व मनाने की तैयारी करते हैं. उन्हें सजाने के लिए विभिन प्रकार के वस्त्रों व अन्य सामानों को लेकर आते हैं. मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण का पूर्ण श्रृंगार कर पूजन करने से वह बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. आइए जानते हैं जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार कैसे करें और उसमें प्रयोग होने वाली प्रमुख वस्तुएं कौन सी हैं.
जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण का ऐसे करें श्रृंगार
पालना या झूला (जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल स्वरूप के पूजन का विधान है)
कपड़े या वस्त्र
मोर पंख युक्त मुकुट
पाञ्चजन्य शंख
बांसुरी
सुदर्शन चक्र
कुण्डल-मणि
माला
शारंग धनुष
पायल या पैजनियां
गदा (कृष्णजी कौमौदकी गदा, नंदक खड्ग और जैत्र नामक रथ रखते थे, जिनके सारथी का नाम दारुक/ बाहुक था)
कान्हा को गाय, तुलसी, माखन मिश्री, पीपल, पंजरी बहुत पसंद है.
ये चीजें भगवान श्री कृष्ण को बेहद प्रिय हैं. इन्हें ये अपने साथ रखते हैं. इस लिए भक्त भी इन्हीं चीजों से भगवान श्री कृष्ण का श्रृंगार करते हैं. इससे भक्तों पर वह बहुत प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा और आशीर्वाद बरसाते हैं.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. क्राइम कैप न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)