दिल्ली

मेरा भी राजनीतिक बैकग्राउंड रहा है मगर… विक्टोरिया गौरी केस की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के जज ने ऐसा क्यों कहा?

जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि ‘न्यायाधीश के रूप में अदालत में शामिल होने से पहले मेरी भी राजनीतिक पृष्ठभूमि है, मैं 20 साल से न्यायाधीश हूं और मेरी राजनीतिक पृष्ठभूमि मेरे रास्ते में नहीं आई है.’

सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के जज की नियुक्ति के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया.

नई दिल्ली.

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एडवोकेट लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी (Madras High Court Judge Victoria Gowri) को मद्रास हाईकोर्ट में बतौर जज नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया. मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि ये माना जा सकता है कि कॉलेजियम को गौरी की राजनीतिक बैकग्राउंड का पता नहीं था, जो बाद में सार्वजनिक तौर पर सामने आया है. वकील एल विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति को कल ही मंजूरी दी थी.

मंगलवार को BJP महिला मोर्चा की पूर्व महासचिव और मद्रास HC की वकील एल विक्टोरिया गौरी (Madras High Court Judge Victoria Gowri) की मद्रास HC की एडिशनल जज के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि ‘न्यायाधीश के रूप में अदालत में शामिल होने से पहले मेरी राजनीतिक पृष्ठभूमि भी है, मैं 20 साल से न्यायाधीश हूं और मेरी राजनीतिक पृष्ठभूमि मेरे रास्ते में नहीं आई है.’

याचिकाकर्ता ने कहा यह असाधारण मामलों में से एक है, जहां अदालत को दखल देना चहिये याचिकाकर्ता ने कहा कि पात्रता और उपयुक्तता के बीच अंतर है. इसके अलावा याचिकाकर्ता ने कहा कि पात्रता पर एक चुनौती हो सकती है,न्यायालयों को उपयुक्तता में नहीं जाना चाहिए अन्यथा पूरी प्रक्रिया अस्त-व्यस्त हो जाएगी. वहीं जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा ऐसा कई मामला है जब सुप्रीम कोर्ट में भी राजनीतिक बैकग्राउंड के लोगों ने जज के रूप में नियुक्त हुए है.

याचिकाकर्ता ने कहा, ‘पॉलीटिकल बैकग्राउंड पर सवाल नहीं उठाया जा रहा है. सवाल हेट स्पीच को लेकर उठाया जा रहा है.’ राजू रामचंद्रन ने भी जस्टिस आफताब आलम, जस्टिस रमा जॉइस, जस्टिस राजेंद्र सच्चर सहित कई जजों के नाम गिनाए जिनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि रही थी. कई तो रेडिकल ऑर्गेनाइजेशन  से भी जुड़े थे लेकिन वो हेट स्पीच वाले नहीं थे. लेकिन ये मामला खुले आम अनैतिक और नफरती बयान वाला है. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि कोलेजियम ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद फैसला किया है.

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button