वरुण गांधी का पीलीभीत से कटा टिकट, अब निर्दलीय लड़ेंगे या किसी दल का दामन थामेंगे ?

रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी की. इसमें पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी का नाम नहीं है. हालांकि उनकी मां मेनका गांधी को सुल्तानपुर से टिकट दिया गया है.
आज अख़बारों में वरुण गांधी का टिकट काटा जाना सुर्खियों में है. हिंदी अख़बार हिंदुस्तान ने शीर्षक में सवाल पूछा है- वरुण गांधी का टिकट काटा, अब क्या करेंगे, निर्दलीय लड़ेंगे या साइकिल पर सवार होंगे.
वरुण गांधी के निची सचिव ने 20 मार्च को नामांकन पत्र के चार सेट ख़रीदे थे. अख़बार लिखता है कि इसी के बाद से उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं.
वरुण गांधी पीलीभीत से मौजूदा सांसद हैं. लेकिन अब बीजेपी ने उनकी जगह राज्य सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को टिकट दिया है.
ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि वरुण गांधी आगे क्या करेंगे. उनकी मां मेनका गांधी को बीजेपी ने टिकट दिया है, इससे वरुण गांधी के लिए परिस्थिति और जटिल हो गई है.
क्या करेंगे वरुण गांधी
हिंदुस्तान लिखता है, “चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि वरुण गांधी का अगला क़दम क्या होगा. क्या अब बीजेपी के दरवाज़े वरुण गांधी के लिए बंद हो गए हैं? क्या समाजवादी पार्टी उन्हें टिकट दे सकती है? या फिर वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे?”
वरुण गांधी कई मुद्दों को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार पर हमलावर होते रहे थे.
वरुण गांधी ने बेरोज़गारी से लेकर किसानों के मुद्दों तक पर अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरा था.
हालांकि, हिंदुस्तान अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़ बीते दिनों पीलीभीत स्टेशन पर आयोजित एक कार्यक्रम में वरुण गांधी ने बीजेपी नेताओं के साथ मंच साझा किया था और इसके बाद से ही उनके और पार्टी के बीच चीज़ें ठीक होने के कयास लगाये जा रहे थे.
वरुण गांधी ने इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ भी की थी. हालांकि रविवार को वरुण गांधी का टिकट काट दिया गया. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि पार्टी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा रही है.
वरुण गांधी के निजी सचिव ने 20 मार्च को नामांकन पत्र के चार सेट ख़रीदे थे. अख़बार के मुताबिक़ पर्चे ख़रीदने के बाद वरुण गांधी के निजी सचिव ने बताया था कि उन्होंने वरुण के कहने पर ही चार सेट ख़रीदे हैं.
ऐसे में अब ये क़यास लगाया जाने लगा है कि वरुण गांधी निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकते हैं.
हालांकि, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कुछ दिन पहले कहा था कि उनके दिल में वरुण के लिए सॉफ़्ट कॉर्नर है.
अखिलेश यादव ने कहा था कि अगर दूसरे दलों से नेता हमारे साथ आते हैं उस पर विचार किया जाएगा.
समाजवादी पार्टी पीलीभीत से पहले ही भगवतशरण गंगवार को टिकट दे चुकी है, हालांकि वो स्वयं वरुण गांधी के लिए सीट छोड़ने का प्रस्ताव दे चुके हैं.
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक़, गंगवार ने कहा था, “अगर वरुण गांधी सपा में शामिल होते हैं तो मैं उनके लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार हूं. हाई कमान ने मुझे टिकट दिया है, अगर वरुण आते हैं तो मैं ख़ुशी-ख़ुशी सीट छोड़ दूंगा.”