सुप्रीम कोर्ट के आदेश से रद्द हुए 2 टेंडर, महाराष्ट्र में आया सियासी भूचाल, एकनाथ शिंदे से इस्तीफे की मांग

आदित्य ठाकरे का आरोप है कि इन परियोजनाओं में शुरू से ही धांधली की जा रही थी. टेंडर प्रक्रिया में कंपनियों को शुरुआत में केवल 20 दिन का समय दिया गया था, जिसे बाद में न्यायिक हस्तक्षेप के चलते 60 दिन तक बढ़ाया गया.
मुंबई
महाराष्ट्र में 14,000 करोड़ रुपये की दो बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के टेंडर रद्द होने के बाद सियासी पारा तेजी से चढ़ गया है. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एमएमआरडीए द्वारा 6,000 करोड़ की एलिवेटेड रोड और 8,000 करोड़ की रोड टनल परियोजना के टेंडर रद्द कर दिए गए हैं. एमएमआरडीए के अनुसार, यह फैसला जनहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
लेकिन इस फैसले ने उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को विपक्ष के निशाने पर ला दिया है, क्योंकि एमएमआरडीए उनके विभाग के अधीन आता है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर गंभीर आरोप लगाए हैं और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मांग की है कि जब तक स्वतंत्र जांच पूरी नहीं होती, तब तक शिंदे को मंत्रिमंडल से हटाया जाए.
आदित्य ठाकरे का आरोप है कि इन परियोजनाओं में शुरू से ही धांधली की जा रही थी. टेंडर प्रक्रिया में कंपनियों को शुरुआत में केवल 20 दिन का समय दिया गया था, जिसे बाद में न्यायिक हस्तक्षेप के चलते 60 दिन तक बढ़ाया गया. उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी बताते हुए स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है. कांग्रेस ने भी इस पूरे मामले में न्यायिक जांच की मांग का समर्थन किया है.
वहीं शिवसेना के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने आदित्य ठाकरे के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. कदम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को सीधे एकनाथ शिंदे से जोड़ना गलत है. उन्होंने आरोप लगाया कि आदित्य ठाकरे इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे रहे हैं. योगेश कदम ने यह भी दावा किया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एमएमआरडीए ने कई परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूरी की हैं.
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद विपक्ष को एकनाथ शिंदे पर हमला करने का बड़ा मौका मिल गया है. अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर टिकी हैं कि वे इस मामले में जांच के आदेश देते हैं या नहीं.