तेजस्वी यादव की ये हंसी… पहले हाथ जोड़ा फिर झुकाई आंखें, क्या इस बार नीतीश करेंगे बीजेपी के साथ खेला

बिहार के सीएम नीतीश कुमार के पाला बदलने की खबर के बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ आई उनकी एक तस्वीर चर्चा के केंद्र में आ गया है. क्या यह तस्वीर बिहार की सियासत की नई दिशा तय करेगी?
पटना.
आज से तकरीबन एक साल पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार मकर संक्रांति के मौके पर पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे थे. तब आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और राबड़ी देवी ने अपने हाथों से नीतीश कुमार को परस-परसकर (परोसा) खूब चूड़ा-दही खिलाया था. 15 जनवरी 2024 को मीडिया में तब भी इसी तरह नीतीश कुमार के पाला बदलने की खबरें सुर्खियां बटोर रही थीं. लेकिन, चूड़ा-दही के भोज में नीतीश कुमार ने लालू यादव को इसका आभास होने नहीं दिया कि वह एनडीए में जाने वाले हैं. खरमास खत्म होते ही 28 जनवरी 2024 को नीतीश कुमार एनडीए का नेता बनकर सीएम बन गए और लालू यादव अपने आवास पर हाथ मलते रह गए. एक साल बाद क्या वही इस बार बीजेपी के साथ नीतीश कुमार दोहराने वाले हैं? क्योंकि, बिहार के नए गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण समारोह में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जिससे इन अफवाहों को बल मिल सकता है. इस समारोह में तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार में इशारों-इशारों में बात हुई फिर आंख मिली और हाथ आगे बढ़ गए.
बिहार की सियासत में नीतीश कुमार के पाला बदलने की खबर के बीच राज्य के नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का शपथ ग्रहण कार्यक्रम गुरुवार को संपन्न हुआ. इस कार्यक्रम में पक्ष-विपक्ष के तमाम नेता मौजूद रहे. लेकिन, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का जब आमना-सामना हुआ तो दोनों का चेहरा देखने लायक था. नीतीश कुमार जिस मुस्कुराहट के साथ तेजस्वी यादव के दोनों हाथों को पकड़ा. इस सीन को वहां मौजूद नेता टकटकी निगाह से देख रहे थे. विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह और मंत्री श्रवण कुमार की तो नजरें हट ही नहीं रही थी. हां, नंदकिशोर यादव कुछ पलों के लिए जरूर अपनी नजरें झुक लिए.

तेजस्वी यादव और सीएम नीतीश कुमार में इशारों-इशारों में आंख मिली.
इस मुलाकात के मायने क्या हैं?
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या यह तस्वीर आने वाले दिनों में बिहार में नई कहानी लिखेगी या फिर नीतीश कुमार ऐसे ही तेजस्वी यादव को इतना प्यार दे दिया. क्योंकि, नीतीश कुमार जब भी लालू यादव के साथ रहते हैं या नजदीक जाने की कोशिश करते हैं तो तेजस्वी यादव को बड़ा प्यार करते हैं. लालू यादव भी नीतीश कुमार को छोटा भाई कहा करते हैं. तेजस्वी यादव भी नीतीश कुमार को चाचा नीतीश कहकर ही बुलाते हैं. ऐसे में कुछ लोग कह सकते हैं कि यह चाचा-भतीजे का मिलन जैसा है. हालांकि, ये भी नहीं भूलना चाहिए कि कई मौकों पर नीतीश भतीजे की तरफ देखते भी नहीं है, जबकि अगल-बगल बैठे रहते हैं.
क्या चाचा-भतीजे मिलकर झटका देंगे बीजेपी को?
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर चाचा-भतीजे में निकटता आने लगी है या फिर नीतीश कुमार की पॉलिटिक्स का यह भी एक पार्ट है. हालांकि, लालू यादव के दरवाजा खुला रखने वाले बयान पर जेडीयू नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह का भी बयान आ गया है. ललन सिंह ने पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘छोड़िए न लालू जी क्या बोलते हैं… लालू जी क्या नहीं बोलते हैं… ये लालू जी से ही जाकर आपलोग पूछिए. हम लोग एनडीए में हैं और मजबूती के साथ हैं.’ वहीं तेजस्वी के बयान पर ललन सिंह ने कहा, ‘छोड़िए न, कौन क्या बोलता है उस पर हम क्या बोलें?’
ललन सिंह और संजय झा जेडीयू के दो ऐसे नेता हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वह नीतीश कुमार के नाक, कान और आंख हैं. लेकिन, नीतीश कुमार के बारे में ये भी कहा जाता है कि वह कब किसको भुला देते हैं और कब किसको याद करते हैं यह उनके अलावा कोई दूसरा जान नहीं सकता. ऐसे में ललन सिंह का लालू और तेजस्वी यादव पर दिया बयान कितना अहम साबित होने वाला है ये तो आने वाले दिनों में पता चलेगा. लेकिन, नीतीश कुमार और तेजस्वी के इस तस्वीर के बाद बिहार में एक बार फिर से कयासों का बाजार गर्म हो सकता है.