पक्ष में हर समीकरण, फिर भी लोकसभा चुनाव में मात खा रहीं लालू की बेटी, EVM पर बदल जाती वोटर्स की नीयत!

वर्ष 2008 में पाटलिपुत्र लोकसभा सीट बनने के बाद लालू यादव ने मीसा को टिकट दिया. फिर 2014 में भी मीसा को ही मैदान में उतारा गया. इससे नाराज होकर रामकृपाल ने भाजपा का दामन थाम लिया और 2014 में पाटलिपुत्र के मैदान में उतरे.
एक फिर लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र सीट पर सबकी नजर रहेगी, क्योंकि बीते दो चुनावों में यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव विजयी रहे हैं. उन्होंने 2019 में राजद सुप्रीमो लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती को 39,000 से ज्यादा वोटों से हराया है. इस बार की लड़ाई भी संभवत: रामकृपाल यादव और मीसा भारती के बीच होगी. रामकृपाल यादव 2014 तक राजद के प्रभावी नेता हुआ करते थे. उन्हें लालू परिवार का करीबी माना जाता था.
वर्ष 2008 में पाटलिपुत्र लोकसभा सीट बनने के बाद यहां से 2009 का चुनाव खुद लालू यादव ने लड़ा. वह जदयू के रंजन प्रसाद यादव से करीब 23500 वोटों से हार गए. फिर 2014 में भी मीसा को मैदान में उतारा गया. इससे नाराज होकर रामकृपाल ने भाजपा का दामन थाम लिया और 2014 में पाटलिपुत्र के मैदान में कूद गए. रामकृपाल ने मीसा को हरा दिया. उन्हें तीन लाख 83 हजार 262 वोट मिले. यह लगभग 39.16% वोट था. मीसा को 3 लाख 42 हजार 940 वोट मिले, जिसका परसेंटेज लगभग 35.04% था. इस दौरान रंजन प्रसाद यादव जदयू से चुनाव लड़ रहे थे. उनको भी 97,228 वोट मिले. 2014 में भाकपा माले अलग चुनाव लड़ रही थी. उसके उम्मीदवार रामेश्वर प्रसाद को 51,623 वोट मिले थे.
‘चाचा’ ने ‘भतीजी’ को दी मात
बात 2019 के चुनाव की जाए तो इस दौरान एनडीए और महागठबंधन में लड़ाई थी. एनडीए के साथ जदयू थी तो राजद के साथ कांग्रेस. इस दफा भी भाजपा ने रामकृपाल को मैदान में उतारा और राजद ने मीसा भारती को. बावजूद इसके राजद को मुंह की खानी पड़ी. 39 हजार से अधिक वोटों से रामकृपाल विजयी हुए. उन्हें 5 लाख 9 हजार 557 मत मिले. महागठबंधन से मीसा को 4 लाख 70 हजार 236 वोट मिले.
अब बात 2024 की. इस बार भी महागठबंधन और एनडीए के बीच मुकाबला है. यहां से संभवतः भाजपा के रामकृपाल यादव मैदान में होंगे. महागठबंधन की तरफ से मीसा एक बार फिर मैदान में उतर सकती हैं. दोनों में कांटे की टक्कर होगी. कांटे की टक्कर का कारण यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में पाटलिपुत्र लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की छह विधानसभा सीटों- दानापुर, मनेर, फुलवारी, मसौढ़ी, पालीगंज और विक्रम, सभी में महागठबंधन ने जीत हासिल की थी.
विधानसभा का गणित
दानापुर यादवों का गढ़ है और यहां से राजद के रीतलाल यादव जीते थे. भाजपा प्रत्याशी दूसरे पर नंबर रहे. मनेर भी यादव बाहुल्य क्षेत्र है. यहां से हर बार यादव प्रत्याशी खड़ा कर राजद जीत हासिल करती आई है. फुलवारी शरीफ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है. यहां भाकपा माले के विधायक गोपाल रविदास ने जीत हासिल की थी. मसौढ़ी में कुर्मी और यादव बहुसंख्यक हैं. यहां से राजद प्रत्याशी रेखा देवी ने जीत हासिल की. जेडीयू दूसरे नंबर पर थी. पालीगंज और विक्रम की बात की जाए तो ये भूमिहारों का क्षेत्र हैं. महागठबंधन की तरफ से पालीगंज से भाकपा के संदीप सौरभ ने जीत हासिल की. विक्रम से भी भूमिहार प्रत्याशी खड़े होते हैं और जीतते आते हैं. विधानसभा में यहां से महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. सिद्धार्थ सौरभ ने जीते थे लेकिन उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया.
घर-घर के नेता रामकृपाल!
बात लोकसभा की हो रही है तो यहां रामकृपाल यादव घर-घर के नेता माने जाते हैं. किसी भी छोटे-बड़े कार्यक्रम में वह बुलाए जाने पर वह जरूर पहुंचते हैं. जहां तक मीसा की बात है तो वह सिर्फ चुनाव के दौरान ही जनता के बीच नजर आती हैं. जानकार उनकी हार के पीछे इसे एक अहम कारण बताते हैं. जनता में मीसा की छवि की बात की जाए तो वह पिछली वाली छवि से मुक्त नहीं हो पाई हैं. हालांकि, इस लोकसभा सीट पर महागठबंधन का दबदबा है. रामकृपाल यादव की जीत के पीछे उनका मिलनसार होना अहम है. वह आसानी से जनता के लिए उपलब्ध हैं. यही कारण है इस बार भी उनके पक्ष में पलड़ा भारी है.
भाजपा की सीट
पाटलिपुत्र लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का परिसीमन 2008 में हुआ था. इसके लिए जहानाबाद से मसौढ़ी विधानसभा को काटा गया, आरा से पालीगंज और मनेर को निकाला गया. पटना लोकसभा से फुलवारी शरीफ, दानापुर और विक्रम विधानसभा को इसमें समाहित किया गया. जब से पाटलिपुत्र लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र बना है तब से यह भाजपा की सीट रही है. हर बार राजद के ज्यादा विधायक रहने के बावजूद भाजपा आसानी से जीत हासिल कर लेती है. हालांकि इस बार राजद और भाकपा माले साथ हैं. एनडीए में जेडीयू साथ है तो स्थिति पिछले जैसा ही माना जा रहा है. भाजपा अभी से दमखम लगाने लगी है. इस क्षेत्र में पिछले बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद प्रचार करने आए थे. इस बार भाजपा के चाणक्य अमित शाह क्षेत्र में लोगों को संबोधित करने पहुंच रहे हैं.