US Targets India-Russia Ties: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नजर अब भारत के ऐसे दोस्त पर है, जो उसका सदाबहार साथी माना जाता रहा है. अपने एक ने विधेयक के तहत वे भारत को सीधा ₹857095 करोड़ का नुकसान कराना चाहते हैं.
हाइलाइट्स
- भारत-रूस की दोस्ती पर है अमेरिका की नज़र
- भारत पर 500 फीसदी टैरिफ लगाने की तैयारी
- रूस की अर्थव्यवस्था को तोड़ना चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कूटनीतिक खेल खेल रहे हैं, उसकी आंच भारत तक भी पहुंच रही है. उन्होंने पहले तो ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर भारत को काफी तंग कर रखा है. अब भारत और रूस की दोस्ती भी डोनाल्ड ट्रंप को रास नहीं आ रही है. यू्क्रेन-रूस युद्ध के दौरान भारत का जैसा रुख रहा है, उससे ट्रंप खुश नहीं हैं और यही वजह है कि यूक्रेन के साथ खुलकर न आने और रूस से अपने संबंध न तोड़ने की वजह से वो भारत का नुकसान कराने पर तुले हुए हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसे विवादास्पद बिल को हरी झंडी दे दी है, जिसमें रूस से व्यापार जारी रखने वाले देशों पर बड़ा टैरिफ लगाया जाएगा. रूस से व्यापार करने वाले दो बड़े सहयोगी देश – भारत और चीन हैं, जिनके उत्पादों पर 500 फीसदी तक आयात शुल्क लगाने का प्रस्ताव बिल में रखा गया है. इस बात की जानकारी रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान दी है.
रूस से दोस्ती की सज़ा देगा अमेरिका!
ग्राहम ने कहा है कि अगर कोई देश रूस से सामान खरीदता है और यूक्रेन की मदद नहीं करता, तो उसके उत्पादों पर अमेरिका में भारी आयात शुल्क लगाया जाएगा. आपको बता दें कि रूस के तेल का लगभग 70 फीसदी हिस्सा सिर्फभारत और चीन खरीदते हैं. रूस की युद्ध मशीन को यही जिंदा रखे हुए है. भारत और चीन पर टैरिफ लगाने वाला ये बिल रिपब्लिकन सीनेटर ग्राहम और डेमोक्रेटिक सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल की ही सोच है, जिसे अब तक इसे अमेरिकी सीनेट में 84 सांसदों का समर्थन मिल चुका है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगस्त, 2025 में इसे पेश किया जाएगा. बिल का सीधा मकसद है कि रूस की इकोनॉमी को बर्बाद करना ताकि वो यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को कमजोर करे.
ट्रंप ने कहा – ‘बिल को आगे बढ़ाओ’
पहले डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता करते हुए सीजफायर की कोशिशों में लगे हुए थे. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन पहले तो इस बिल के कड़े प्रावधानों को थोड़ा नरम करना चाहता था लेकिन अब लिंडसे ग्राहम ने बताया है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने बिल को अपना समर्थन दिया है. डोनाल्ड ट्रंप ने उनसे कहा कि वे अपने बिल को आगे बढ़ाएं.
भारत और चीन पर होगा बड़ा असर
रूस की इकोनॉमी को कमज़ोर करने वाला ये बिल अगर पारित होता है, तो इसका सबसे ज्यादा असर भारत और चीन पर पड़ेगा, क्योंकि दोनों देश रूस के सबसे व्यापारिक साझेदार हैं. साल 2024-25 में भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार $68.7 अरब तक पहुँच गया है, जो कि कोविड-19 से पहले के $10.1 अरब से कई गुना ज्यादा है. भारत रूस से सबसे ज्यादा तेल, कोयला, खाद और कच्चा माल लेता है. साल 2030 तक वो रूस के साथ अपने व्यापार को $100 अरब यानि ₹857095 करोड़ से भी ज्यादा पहुंचाना चाहता है. हालांकि अमेरिका इस टैरिफ के जरिये भारत को इस डील का नुकसान कराना चाहता है. अगर ये अमेरिका के 500 फीसदी बढ़े हुए टैरिफ लागू होते हैं, तो भारत के निर्यातकों को भी अमेरिका में नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि उनके प्रोडक्ट भी महंगे हो जाएंगे. इस टैरिफ के बाद भारत के अमेरिका से रणनीतिक संबंधों में भी तनाव पैदा होगा क्योंकि रूस जैसे भरोसेमंद साथी को वो कभी नहीं खोना चाहेगा.
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