चंडीगढ़ मेयर चुनाव=कोर्ट में झूठ बोलकर कैसे फंसे पीठासीन अधिकारी, CRPC की धारा 340 क्यों लगी, क्या जेल जाएंगे मसीह?

चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर वोटों की गिनती के दौरान छेड़छाड़ करने का आरोप है। वहीं, अदालत के समक्ष गलत बयान देने के लिए मसीह के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है।
नई दिल्ली
चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में मंगलवार को बड़ा फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को संपन्न मेयर चुनाव में अमान्य किए गए 8 वोट को मान्य करार दिया। पीठासीन अधिकारी (पीओ) अनिल मसीह ने इन वोटों को अमान्य कर दिया था। उन पर वोटों की गिनती के दौरान छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है।
अब आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया गया है। यह फैसला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय बेंच ने सोमवार को सुनाया था। सुनवाई के दौरान अदालत ने अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है। फैसले के अनुसार, मसीह के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 340 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
आइये जानते हैं पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर कोर्ट ने क्या कार्रवाई करने का फैसला किया है? सीआरपीसी की धारा 340 क्या होती है? यह धारा कब लगाई जाती है? इससे अनिल मसीह की मुश्किलें कितनी बढ़ सकती हैं?
