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राजकोट टेस्ट के तीसरे दिन काली पट्टी बांधकर उतरी टीम इंडिया, क्या है वजह ? BCCI ने दी इसकी जानकारी

इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में खेले जा रहे तीसरे मुकाबले के तीसरे दिन पूर्व कप्तान के निधन पर शोक जताने भारतीय टीम बांह पर काली पट्टी पहनकर उतरी. बीसीसीआई की तरफ से इसको लेकर बयान जारी करते हुए जानकारी दी गई. सोशल मीडिया अकाउंट पर बीसीसीआई की तरफ से लिखा गया,

नई दिल्ली.

भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड के साथ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रही है. राजकोट में तीसरा मुकाबला खेला जा रहा है. मैच के तीसरे दिन भारतीय टीम के खिलाड़ी बांह पर काली पट्टी पहनकर मैच में खेलने उतरे. कप्तान रोहित शर्मा समेत तमाम भारतीय खिलाड़ियों के बांह पर बंधी पट्टी देखकर हर किसी के जहन में यह सवाल था कि इसके पीछे की वजह क्या है. बीसीसीआई ने काली पट्टी का कारण सबसे साथ साझा किया.

इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में खेले जा रहे तीसरे मुकाबले के तीसरे दिन पूर्व कप्तान के निधन पर शोक जताने भारतीय टीम बांह पर काली पट्टी पहनकर उतरी. बीसीसीआई की तरफ से इसको लेकर बयान जारी करते हुए जानकारी दी गई. सोशल मीडिया अकाउंट पर बीसीसीआई की तरफ से लिखा गया. भारतीय टीम अपनी बांह पर पूर्व कप्तान दत्ताजी राव को याद करते हुए काली पत्ती बांधकर खेलने उतरेगी. पूर्व भारतीय कप्तान और भारत के सबसे उम्र दराज खिलाड़ी दत्ताजी राव का निधन इसी हफ्ते हुआ था.

भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर और पूर्व कप्तान दत्ताजीराव गायकवाड़ का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण मंगलवार (13 फरवरी) को निधन हो गया. वह भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और राष्ट्रीय कोच अंशुमान गायकवाड़ के पिता थे. वह 95 वर्ष के थे. परिवार के एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने पिछले 12 दिनों से बड़ौदा के एक अस्पताल के आईसीयू (गहन चिकित्सा कक्ष) में जिंदगी और मौत से जूझने के बाद आज सुबह अंतिम सांस ली.

उन्होंने 1952 और 1961 के बीच भारत के लिए 11 टेस्ट खेले थे. उन्होंने 1959 में इंग्लैंड दौरे पर राष्ट्रीय टीम की कप्तानी भी की थी. दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 1952 में लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ पदार्पण किया और उनका अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच 1961 में चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ था. गायकवाड़ ने रणजी ट्रॉफी में 1947 से 1961 तक बड़ौदा का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने 47.56 की औसत से 3139 रन बनाए, जिसमें 14 शतक शामिल थे.

उनका सर्वोच्च स्कोर 1959-60 सत्र में महाराष्ट्र के खिलाफ नाबाद 249 रन था. वह 2016 में भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर बने थे. उनसे पहले पहले दीपक शोधन भारत के सबसे अधिक उम्र वाले टेस्ट क्रिकेट थे. पूर्व बल्लेबाज शोधन का 87 वर्ष की आयु अहमदाबाद में निधन हुआ था.

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