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‘गहरी असुरक्षा और हीनभावना से ग्रस्त’, पीएम मोदी के नेहरू पर निशाना साधने पर भड़की कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री कल लोकसभा में बिल्कुल बेतुकी और बकवास बातें करते रहे। सदन में उनका यह सबसे निम्न स्तर था। आज राज्यसभा में भी वह निस्संदेह इसे दोहराएंगे।

नई दिल्ली

कांग्रेस ने मंगलवार को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को निशाना बनाए जाने पर पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना की। कहा कि गहरी असुरक्षाओं और हीनभावना से ग्रस्त होने के चलते पीएम मोदी जवाहरलाल नेहरू पर क्रूरतापूर्ण हमला करते हैं।

बिल्कुल बेतुकी और बकवास बातें
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि प्रधानमंत्री कल लोकसभा में बिल्कुल बेतुकी और बकवास बातें करते रहे। सदन में उनका यह सबसे निम्न स्तर था। आज राज्यसभा में भी वह निस्संदेह इसे दोहराएंगे। उन्होंने आगे रहा कि वह गहरी असुरक्षाओं और हीनभावना से ग्रस्त हैं। इसी वजह से वह नेहरू पर सिर्फ राजनीतिक ही नहीं बल्कि बेहद घटिया ढंग से व्यक्तिगत हमले भी करते हैं।

वाजपेयी और आडवाणी ने कभी ऐसा नहीं किया
उन्होंने कहा कि वाजपेयी और आडवाणी ने कभी ऐसा नहीं किया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी, जिन्हें लगता है कि वह बहुत चालाक हैं। दरअसल ऐसा करके वह जिस पद पर हैं, उसका अपमान करते हैं। अहंकार की पराकाष्ठा और नेहरू का डर एक खतरनाक मिश्रण है जो मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी इन इंडिया (MODI) का कारण बन रहा है।

अन्याय काल जल्द समाप्त होगा
उन्होंने कहा कि भारत के लोगों और विशेष रूप से युवाओं ने निर्णय लिया है कि प्रधानमंत्री के रूप में यह मोदी जी का लोकसभा में अंतिम भाषण होगा। पिछले दस साल का अन्याय काल जल्द ही समाप्त होगा।

यह है मामला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा था। इस दौरान उन्होंने नेहरू के 15 अगस्त 1959 को लाल किले से दिए भाषण का जिक्र किया था।उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने कभी भी देश के सामर्थ्य पर भरोसा नहीं जताया। प्रधानमंत्री ने कहा था कि नेहरू ने भारतीयों को नीचा दिखाया था और कहा था कि भारतीय कम काम करते हैं। नेहरू की भारतीयों के प्रति सोच थी कि भारतीय आलसी हैं। लेकिन, क्या नेहरू ने ऐसा ही कहा था। उनके सही शब्द क्या थे। आइए जानते हैं।

लाल किले पर नेहरू ने दिया था ये भाषण
पंडित नेहरू ने अपने संबोधन में कहा था, ‘हिंदुस्तान में ज्यादा मेहनत करने की आदत आमतौर से नहीं है। हमारा कसूर नहीं है, आदतें ऐसी पड़ जाती है। लेकिन हम उतना काम नहीं करते, जितना यूरोप वाले या जापान वाले या चीन वाले या रूस वाले या अमेरिका वाले करते हैं। यह न समझिए कि वह कौमें कोई जादू से खुशहाल हो गईं, मेहनत से हुई हैं और अक्ल से हुई हैं। तो हम भी मेहनत और अक्ल से आगे बढ़ सकते हैं, कोई और चारा नहीं हैं।’

अपने संबोधन में पंडित नेहरू ने कहा था, ‘हम कोई जादू से नहीं बढ़ सकते, क्योंकि दुनिया इंसान के काम से चलती है और इंसान की मेहनत से सारी दुनिया की दौलत पैदा होती है। चाहे जमीन पर किसान काम करता है, या कारखाने में, या दुकान में या कारीगर, उससे काम चलता है। कुछ बड़े अफसर दफ्तरों में बैठके इंतजाम करते हैं, वह दौलत नहीं पैदा करते हैं। दौलत पैदा करता है किसान अपनी मेहनत से, या कारीगर। तो हमें अपने काम, अपनी मेहनत को आगे बढ़ाना है।’

‘अभी मुझे खुशी हुई देखकर कि पंजाब के सूबे में काम करने के वक्त (घंटों) को बढ़ाया गया। इससे पंजाब की दौलत बढ़ेगी। पंजाब के लोगों को फायदा होगा और किसी को नहीं। हमारे यहां छुट्टियां हैं, इतनी छुट्टियां हैं कि इसमें कोई मुल्क हमारा मुकाबला नहीं कर सका, दुनियाभर में। छुट्टी अच्छी चीज है, आदमी को ताजा करती है। लेकिन जरूरत से ज्यादा छुट्टी जरा कमजोर भी कर देती है और काम की आदत भी निकल जाती है।’

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